फर्जी कोविड क्लेम में अंतत: अपराध दर्ज
लक्ष्मीकांत लढ्ढा सहित बीमा एजंट महिला हुए नामजद
अमरावती/दि.11- विगत पांच दिनों से चर्चा में चल रहे फर्जी कोविड क्लेम मामले में शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई जांच के बाद अंतत: सिटी कोतवाली पुलिस थाने में बीमा कंपनी व वित्तीय संस्थाओं से संबंधित काम करनेवाले लक्ष्मीकांत लढ्ढा नामक व्यक्ति सहित बीमा एजेंट के तौर पर काम करनेवाली एक 40 वर्षीय महिला के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधडी व जालसाजी का अपराध दर्ज किया गया है. बोहरा गली परिसर निवासी हुजेफा ताहेरअली गोरावाला (51) की शिकायत पर पुलिस द्वारा इन दोनोें आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 408, 465, 468, 471, 120 (ब) व 34 के तहत अपराध कायम किया गया है.
बता दें कि, पेशे से हार्डवेअर व्यवसायी रहनेवाले हुजेफा ताहेरअली गोरावाल ने विगत दिनों शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह से मुलाकात करते हुए उन्हें जानकारी दी थी कि, उनके परिचय में रहनेवाली बोहरागली परिसर निवासी 40 वर्षीय महिला बीमा एजंट के तौर पर काम करती है और उसने विगत मई-जून माह के दौरान उनकी पत्नी से कोविड इन्शुरन्स पॉलीसी निकालने का आग्रह किया था. जिसके चलते उन्होंने अपना व अपनी पत्नी का आधार कार्ड एवं बैंक का कैन्सलेशन चेक उस महिला को दिये थे. जिसके बाद आरोपी महिला ने उन्हें व उनकी पत्नी को इन्शुरन्स पॉलीसी के लिए फिजीकल फिटनेस सर्टीफिकेट प्राप्त करने के काम को लेकर श्रीकृष्ण पेठ स्थित महावीर अस्पताल में बुलाया था. जिसके चलते दोनोें पति-पत्नी 3 जून को महावीर अस्पताल गये थे. किंतु वहां उनका कोई चेकअप् नहीं किया गया. इसके पश्चात वे 7 जून तक उस महिला के कहने पर रोजाना ही फिजीकल फिटनेस के लिए महावीर अस्पताल जाया करते थे. जहां पर उस महिला के साथ हमेशा ही लक्ष्मीकांत लढ्ढा नामक व्यक्ति सहित अन्य कुछ लोग उपस्थित रहा करते थे. जिन्होंने उन्हें समझाया था कि, कोविड इन्शुरन्स पॉलीसी निकालने के लिए ऐसे चेकअप् हेतु आना ही पडता है. पश्चात अक्तूबर माह में हुजेफा ताहेरअली गोरावाला को रिलायन्स जनरल इन्शुरन्स कंपनी, लिबर्टी जनरल इन्शुरन्स कंपनी, इफ्कोटोकियो जनरल इन्शुरन्स कंपनी व स्टार जनरल इन्शुरन्स कंपनी की ओर से वेरिफिकेशन टीम द्वारा बार-बार फोन आने शुरू हुए. जिसमें उन्हें पूछा जाने लगा कि, क्या वे कोविड संक्रमित हुए थे और क्या उन्होंने कंपनी के पास इन्शुरन्स क्लेम किया है. इस दौरान उन्हें एक इन्शुरन्स कंपनी द्वारा ढाई लाख रूपये का क्लेम देने की तैयारी दर्शायी गई. वहीं एक अन्य कंपनी ने तो उनके बैंक खाते में ढाई लाख रूपये जमा भी करवा दिये. ऐसे में उन्हें संदेह हुआ कि, किसी ने गलत तरीके से उनके नाम पर झूठा क्लेम किया है. जिसके चलते उन्होंने रिलायन्स जनरल इन्शुरन्स कंपनी से पूछताछ करते हुए जब क्लेम से संबंधित दस्तावेज मांगे, तब पता चला कि, उनके परिचय में रहनेवाली बीमा एजेंट महिला ने उनके व उनकी पत्नी के नाम पर फर्जी पैनकार्ड बनाकर जाली हस्ताक्षर के जरिये फर्जी दस्तावेज बनाये है और उनके नाम पर कोविड इन्शुरन्स पॉलीसी लेने के साथ ही उन्हें कोविड संक्रमित भी दर्शाया गया तथा कोविड इन्शुरन्स पॉलीसी के लिए क्लेम भी किया गया. यह सीधे-सीधे धोखाधडी व फर्जीवाडे का मामला है. जिसके तहत उन्हें अंधेरे में रखते हुए उनके नाम पर निजी इन्शुरन्स कंपनी के साथ भी जालसाजी की गई और उनके व उनकी पत्नी के निजी दस्तावेजों का गलत उपयोग किया गया.
हुजेफा ताहेरअली गोरावाला की ओर से दी गई शिकायत के बाद शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी थी. पश्चात आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे ने महावीर अस्पताल से गोरावाला पति-पत्नी से संबंधित तमाम दस्तावेज मंगवाये थे. इसकी जांच-पडताल करने के बाद कल शुक्रवार 10 दिसंबर की शाम बीमा एजेंट महिला सहित लक्ष्मीकांत लढ्ढा नामक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधडी व जालसाजी का अपराध दर्ज किया गया. पता चला है कि, यह महिला बीमा एजेंट के तौर पर लक्ष्मीकांत लढ्ढा की फर्म में ही काम करती है.
* और कितने फर्जी क्लेम, पुलिस करे जांच
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती शहर में स्वस्थ लोगों को फर्जी तरीके से कोविड संक्रमित दिखाने और उनके नाम पर कोविड इन्शुरन्स क्लेम पास करने का गोरखंधधा विगत करीब एक वर्ष से चल रहा है. इसे लेकर इससे पहले भी कई बार आपत्ति व आक्षेप के स्वर सुनाई दिये. किंतु कार्रवाई कभी नहीं हुई. वहीं यह पहला मौका है, जब किसी व्यक्ति ने खुद सामने आकर इस फर्जीवाडे को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है और पुलिस द्वारा भी मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे में अब यह बेहद जरूरी है कि, इसे लेकर की जानेवाली जांच केवल इसी एक मामले तक सीमित ना रहे, बल्कि अमरावती शहर में इसी तरह से और कितने फर्जी कोविड क्लेम किये गये है तथा कोविड क्लेम के नाम पर कितने लोगों को फर्जी तरीके से कोविड संक्रमित बताया गया है. इसकी भी जांच पुलिस द्वारा की जाये. क्योंकि अब इस मामले को लेकर मिल रही जानकारी में पता चल रहा है कि, अमरावती शहर में करीब 300 से 400 लोगों को फर्जी तरीके से कोविड इन्शुरन्स क्लेम का लाभ दिलाया गया है. अत: यह अपने आप में बेहद संगीन व सनसनीखेज मामला है.