अमरावती/दि.30– संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के रसायनशास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. राजेंद्रप्रसाद के खिलाफ आखिरकार विगत मंगलवार को निलंबन की कार्रवाई की गई. साथ ही उनकी विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए. वहीं इससे पहले उन्हें प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले के निर्देशानुसार पदमुक्त कर दिया गया था.
बता दें कि, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सांगाबा अमरावती विवि में रसायनशास्त्र विभाग प्रमुख है. परंतु इसी विभाग की सहायत प्राध्यापिका डॉ. जे. एम. बादब्दे व सहयोगी प्राध्यापिका डॉ. मनीषा कोडापे ने 2 जनवरी 2023 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें लैंगिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया गया था. जिसके आधार पर विद्यापीठ प्रशासन ने जांच समिति गठित की थी. पश्चात प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद से स्पष्टीकरण भी मांगा था. इसी दौरान डॉ. राजेेंद्र प्रसाद को लेकर जांच समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को कुलगुरु ने मान्य किया था. पता चला है कि, जांच समिति ने महिला प्राध्यापिकाओं की शिकायतों के मामले में कई मुद्दों को लेकर गंभीरता दिखाई और सख्त टिपणी की. जिसको देखते हुए विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान और विभाग की हो रही बदनामी के मद्देनजर डॉ. राजेंद्र प्रसाद को इससे पहले पदमुक्त किया गया. पश्चात सिनेट सभा में इस विषय को लेकर चर्चा हुइ और कुलगुरु ने जांच समिति के रिपोर्ट का आधार लेते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद के निलंबन की कार्रवाई की. वहीं अब डॉ. राजेंद्र प्रसाद की विभागीय जांच के बाद अगली कार्रवाई की दिशा निश्चित की जाएगी. ऐसी जानकारी विद्यापीठ की ओर से कुल सचिव डॉ. तुषार देशमुख द्वारा दी गई है.
4 सदस्यीय समिति की गई थी गठित
डॉ. जे. एम. बादब्दे व डॉ. मनीषा कोडापे नामक दो महिला प्राध्यापिकाओं की ओर से प्राप्त शिकायतों को लेकर विद्यापीठ प्रशासन ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के संदर्भ में 4 सदस्यीय जांच समिति गठित की थी. जिसमें अध्यक्ष पद पर डॉ. आर. एम. कडू, सचिव पद पर मंगेश वरखडे तथा सदस्य पद पर डॉ. प्रवीण रघुवंशी व डॉ. मिना चिमोटे के समावेश किया गया था. इस समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट का आधार लेते हुए प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का निर्णय लिया, ऐसी जानकारी है.