* महाराष्ट्र की वजह से रुका हुआ था मामला
अमरावती/दि.4- केंद्र सरकार के निर्देशानुसार देशभर में विगत मार्च माह के दौरान व्याघ्र गणना की गई थी. लेकिन महाराष्ट्र में व्याघ्र गणना में कुछ गलती होने के चलते मामला अटक गया था, ऐसे में राज्य में आज से दोबारा व्याघ्र गणना की शुरुआत की गई हैं. फिलहाल ठाणे जिले को इस काम से अलग रखा गया है और शेष महाराष्ट्र में व्याघ्र गणना का काम पूरा हो जाने के बाद देशभर में बाघों की मौजूदा संख्या को लेकर सटिक जानकारी घोषित कर दी जाएगी.
बता दे कि राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधीकरण की सूचना के अनुसार तीन वर्ष के बाद भारत में व्याघ्र गणना का काम शुरु किया गया था. जिसके अनुसार देशभर के 39 राज्यों में बाघों की गिनती की गई. जिसके तहत समूचे देश में वनरक्षकों ने लगातार छह दिनों तक बाघों की गणना की.वहीें इस बीच महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में एक बाघ व्दारा एक महिला वनरक्षक को जान से मार दिए जाने के चलते यह व्याघ्र गणना खंडित हो गई थी. राज्य के अलग-अलग बीट में तो व्याघ्र गणना हुई थी, लेकिन पुरे राज्य का डेटा प्राधीकरण व्दारा संकलित किए जाने पर पता चला कि इसमें काफी गलतियां हैं. जिसके चलते राज्य वन विभाग के काम पर सवाल या निशान लगे और प्राधीकरण में महाराष्ट्र को नए सिरे से व्याघ्र गणना करने के निर्देश दिए. लेकिन इस समय तक महाराष्ट्र में बारिश का मौसम शुरु हो गया था, जिसके चलते व्याघ्र गणना शुरु नहींं हो पायी थी. वहीं अब बारिश का मौसम खत्म हो जाने के चलते 1 से 6 नवंबर के दौरान महाराष्ट्र में व्याघ्र गणना का शुरु कर दिया गया हैं.
विगत 1 नवंबर से शुरु हुई व्याघ्र गणना मेंं ठाणे जिले को फिलहाल अलग रखा गया हैं. नागपुर के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक के मुताबिक फिलहाल ठाणे जिले के वनक्षेत्र में चारों ओर दलदल बनी हुई हैं. ऐसे में वहां पर व्याघ्र गणना करना फिलहाल संभव नहीं है अत: ठाणे जिले को छोडकर महाराष्ट्र के अन्य जिलों में व्याघ्र गणना का काम शुरु कर दिया गया हैं. यहां उल्लेखनीय यह भी है कि ताडोबा में बाघ व्दारा हमला किए जाने के बाद महाराष्ट्र के वनरक्षकों व्दारा आग्रह किया जा रहा था कि, राज्य में मार्च माह के दौरान व्याघ्र गणना की जाए. लेकिन व्याघ्र संवर्धन प्राधीकरण व्दारा कार्रवाई की चेतावनी दिए जाते ही महाराष्ट्र वन विभाग ने अंतत: जारी नवंबर माह में ही व्याघ्र गणना का काम शुरु किया. जिसके तहत 6 नवंबर तक व्याघ्र गणना की जानी हैं. जिसके उपरांत पुरे महाराष्ट्र राज्य का डेटा संकलित होने के बाद देशभर मेें रहने वाले बाघों की संख्या सामने आएगी.