अंतत: सिटी बस सेवा को मनपा आयुक्त ने किया बर्खास्त
सरकार व मनपा को हुआ लाखों रुपयों के राजस्व का घाटा
जिला ऑटो यूनियन ने पत्रवार्ता में दी जानकारी
अमरावती/दि.28 – महाराष्ट्र सरकार का लाखों रुपयों का यात्री व बालसंगोपन कर एवं मनपा की लाखों रुपए की रॉयल्टी को डूबोने वाले सिटी बस सेवा ठेकेदार के साथ किए गए करार को अंतत: मनपा आयुक्त ने बर्खास्त कर दिया है. जिसके चलते अब कुछ समय तक अमरावती शहर में सिटी बस सेवा बंद रहेगी. इससे पहले मनपा द्बारा सिटी बस सेवा को चलाने हेतु निजी ठेकेदार के साथ करार किया गया था. लेकिन इस ठेकेदार ने करारनामे की शर्तों के अनुरुप शहर के सभी मार्गों पर इस सेवा नहीं चलाई. साथ ही टाईम-टेबल का भी योग्य तरीके से पालन नहीं किया. इसके अलावा सिटी बस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों का नियमित बीमा, इपीएफ व इएसआईसी भी नियमित रुप से नहीं भरी गई. साथ ही साथ सरकार एवं मनपा के विभिन्न कर भी डूबोए गए. जिसके चलते अमरावती जिला ऑटो यूनियन चालक-मालक संगठन के अध्यक्ष नितिन मोहोड ने मनपा आयुक्त आष्टीकर के समक्ष दस्तावेजों के साथ पूरे तथ्य रखे थे, जिसके आधार पर आयुक्त आष्टीकर ने सिटी बस सेवा के ठेके को बर्खास्त करने का निर्णय लिया. इस आशय की जानकारी आज ऑटो यूनियन के नेता नितिन मोहोड व जिला उपाध्यक्ष पंकज सूर्यवंशी द्बारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में दी गई.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, मनपा ने सिटी बस सेवा का ठेका जारी करते समय साफ तौर पर शर्त रखी थी कि, ठेकेदार को करारनामा होने के बाद 90 दिन के भीतर 40 मीडी बस उपलब्ध करानी होगी. जिन्हें मनपा द्बारा तय किए गए शहर के सभी रुटों पर चलाना होगा. परंतु वर्ष 2016 में करारनामा होने के बावजूद ठेकेदार विपिन चव्हाण ने केवल 25 मीडी बस ही उपलब्ध कराई. जिन्हें बडनेरा-राजकमल चौक-डिपो तथा नवसारी रोड पर ही चलाया जाता था. साथ ही अनुमति नहीं रहने के बावजूद बिजीलैंड, पोटे कॉलेज व बडनेरा इंजिनियरिंग कॉलेज के लिए भी बसे चलाई जाती थी. वहीं छत्रीतालाब रोड, नागपुरी गेट, लालखडी व विद्यापीठ इन रुटों पर बसों का परिचालन कभी नहीं किया गया. इसके अलावा ठेकेदार द्बारा रोज होने वाली टिकट विक्री से प्राप्त होने वाली रकम रोजाना बैंक में भरना जरुरी था. परंतु ठेकेदार ने इसमें भी कोताही की. साथ ही मनमाने तरीके से खुद टिकट छापकर असली टिकटों की कम विक्री दिखाई और सरकार को कम टैक्स अदा किया. जिसमें कुछ आरटीओ अधिकारियों की भी मिलीभगत रही. ऐेसे में अब तक सरकार एवं मनपा का जितना भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई आरटीओ अधिकारियों से की जानी चाहिए.
इस पत्रवार्ता में अश्फाक भाई, संतोष भांडारकर, सिद्दिक भाई, गुड्डू भाई, राहुल रंगे, संतोष शेरेकर, बाबू गणवीर, संतोष सोनटक्के, आसिफ नावंदर आदि उपस्थित थे.