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व्यापारियों और मिल संचालकों को बडी राहत
अमरावती/दि.19 – केंद्र सरकार व्दारा पिछले डेढ महा पूर्व दलहन भंडारण की सीमा मार्यादित कर दी गई थी. जिसमेें राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारी संगठनाओं ने इसका विरोध किया आखिरकार सरकार को व्यापारिक संगठनाओं के आगे झुक जाना पडा और केंद्र सरकार ने अब दलहन स्टॉक की मार्यादा बढा दी है. जिससे व्यापारियों में हर्ष की लहर है और व्यापारियों को बडी राहत प्राप्त हुई है.
व्यापारी संगठनाओं के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार व्दारा मर्यादा बढाए जाने पर सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार व्दारा लिया गया यह फैसला व्यापारियों के साथ किसानों के लिए भी लाभदायी होगा. अमरावती कृषि उपज मंडी के पूर्व संचालक विनोद कंलत्री के अनुसार इस अध्यादेश में सुधार लाए जाने के लिए कृषि उपजमंडी की अडतिए, खरीददार, मील मालिक इन सबके संयुक्त प्रयासों एवं कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतीया एवं राष्ट्रीय महासचिव प्रविण खंडेलवाल तथा दलहन संघ के सभी पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के सामने अपनी यह मांग पूरजोर तरीके से रखी थी. जिसमें सभी को सफलता प्राप्त हुई है. अमरावती चेंबर ऑफ कामर्स एडं इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने इस संदर्भ में जिले की सांसद नवनीत राणा ने जो सहयोग दिया था. जिसमें सांसद राणा के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की.
व्यापारी और किसानों को होगा लाभ
केंद्र सरकार व्दारा थोक व्यापार में दलहन की स्टॉक सीमा 200 मेट्रिक टन से बढाकर 500 मेट्रिक टन तक करने के फैसले पर चेंबर ऑफ कामर्स इंडस्ट्रिज के अध्यक्ष सहित सभी व्यवसायियों ने स्वागत किया और कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से व्यापारियों के साथ किसानों को भी लाभ होगा. 2 जुलाई से दाल दलहन व्यापार सरकारी नीति के चलते सख्ते में आ गया था. जिसका साफ असर कृषि मंडियों में दलहन के व्यापार में दिख रहा था. सभी प्रकार के दलहन समर्थन मूल्य से 15 से 25 प्रतिशत कम बिक रहे थे. कोरोना की वजह से किसानों की फसल अभी कृषि उपज मंडियों में आना बाकी है.
केंद्र सरकार का फैसला सराहनीय
केंद्र सरकार व्दारा दलहन के स्टॉक को लेकर जो फैसला लिया गया है यह फैसला सराहनीय है ऐसा अमरावती दाल एडं प्लोर मिल एसो. अध्यक्ष विजय मोहता ने कहा. उनके मुताबिक इस फैसले से व्यापारियों के साथ किसानों व दाल मिल संचालकों को भी बडी राहत मिलेगी. इतना ही नहीं तो व्यापार में भी उठाव आने की बात उन्होंने कही है. केंद्र सरकार व्दारा 19 जुलाई को जारी आदेश के मुताबिक थोक विक्रेता 500 मेट्रिक टन , खुदरा विक्रेता 500 मेट्रिक टन तथा मिल स्टॉक सीमा विगत छह महीनों के उत्पादन अथवा वार्षिक संस्थापित संस्था का 50 फीसदी इनमें से जो अधिक हो रख सकेंगे. इस फैसले से किसान, व्यापारी व मिल चालकों को बडी राहत प्रदान हुई है ऐसा विजय मोहता ने कहा.