अंतत: उन दस नेत्र रोगियों का होगा इलाज
स्वास्थ्य कर्मी हडताल पर अडिग, लेकिन संवेदनशीलता कायम
* उन सभी दस मरीजों को पीडीएमसी में किया गया रेफर
अमरावती/दि.17– पुरानी पेंशन की मांग को लेकर एकजुट होते हुए सभी सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हडताल करनी शुरु की है. जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों का भी समावेश है, ऐसे में सभी सरकारी महकमों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है और मरीजों के इलाज व शल्यक्रिया जैसे कामों पर इस हडताल का असर पडा है. परंतु स्वास्थ्य कर्मचारी भले ही अपनी मांगों को लेकर हडताल पर अडिग है. लेकिन उन्होंने मरीजों के प्रति अपनी संवेदनशीलता को कायम रखा है. जिसके तहत स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र चिकित्सा विभाग में शल्यक्रिया हेतु भर्ती कराए गए दस मरीजों को गत रोज डॉ. पंजराबराव देशमुख मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के नेत्र चिकित्सा विभाग में रेफर किया गया ताकि उनका वहां पर समूचित इलाज हो सके.
बता दें कि जिला सामान्य अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल व उपजिला अस्पताल में कुल 963 कर्मचारी है. जिसमें से वर्ग 3 व वर्ग 4 के 588 कर्मचारी इस समय हडताल पर है. जिनमें कुछ मेडिकल स्टॉफ का भी समावेश है. जिला सामान्य अस्पताल में सोमवार को आंखों के ऑपरेशन हेतु ग्रामीण क्षेत्र के कई मरीज आए थे. जिसमें से 20 मरीजों का ऑपरेशन जिला सामान्य अस्पताल में बुधवार को करना तय किया गया था. लेकिन मंगलवार 14 मार्च से ही कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हडताल करनी शुरु कर दी. जिसकी वजह से इन 20 मरीजों को ऑपरेशन को आगे टाल दिया गया. चूंकी 10 मरीज तो ग्रामीण क्षेत्र के आनेवाले थे. अत: उन्हें हडताल शुरु हो जाने के चलते ऑपरेशन हेतु बुलाया ही नहीं गया. वहीं जो मरीज पहले से अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती थे उन्हें घर वापीस भेजने के बजाए उनके ऑपरेशन का जिम्मा पीडीएमसी पर सौंपा गया और उन्हें इर्विन अस्पताल से पीडीएमसी में रेफर किया गया.
जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र विभाग में रहनेवाले 10 मरीजों के ऑरेशन की जवाबदारी पीडीएमसी अस्पताल ने उठाई है, साथ ही हम आगे भी किसी भी तरह की आपात स्थिति में मरीजों की सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार और तत्पर है.
– डॉ. अनिल देशमुख,
अधिष्ठाता, पीडीएमसी
* हडताल के चलते चार दिन से कोविड टेस्ट लटकी
सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों व्दारा पुरानी पेंशन की मांग को लेकर की जा रही अनिश्चितकालीन हडताल का असर कोविड संबंधित टेस्ट के कामों पर भी पडा है और विगत चार दिनों से जिला सामान्य अस्पताल के जरिए रोजाना भेजा जानेवाला कोविड चार्ट गुरुवार को भी ‘ब्लैंक’ दिखाई दिया. बता दें कि कोविड टेस्टिंग हेतु संदिग्ध मरीजों के थ्रोट स्वैब सैंपल लेकर उसे सरकारी व निजी कोविड टेस्ट लैब में भिजवाया जाता है. चूंकी इस समय सरकारी प्रयोगशाला के कई कर्मचारी हडताल में शामिल है अत: सरकारी प्रयोगशाला में कोविड टेस्ट का काम प्रभावित हुआ है. वहीं निजी प्रयोगशालाओं में कर्मचारियोें की कोई दिक्कत नहीं है. परंतु उनके व्दारा की गई टेस्टिंग की रिपोर्ट को सरकारी अस्पताल व्दारा घोषित किया जाता है और सरकारी अस्पताल के कर्मचारी भी हडताल में शामिल है, ऐसे में विगत चार दिनों के दौरान कितनी टेस्टिंग हुई और उसमें से कितने लोग कोविड संक्रमित पाए गए इसकी जानकारी पता नहीं चल पाई है. वहीं रविवार तक अमरावती जिले में 17 एक्टिव पॉजिटीव मरीज थे. जिनकी संख्या अब भी यथावत है. वहीं इन दिनों इन्फ्ल्यूइंजा टाइप-1 के एच3एन2 वेरिएंट का भी अच्छाखासा खतरा देखा जा रहा है और कई लोग इस वायरस की चपेट में आकर वायरल फिवर से पीडित चल रहे हैं तथा इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में पहुुंच रहे है जहां पर हडताल की वजह से मनुष्यबल की अच्छीखासी कमी देखी जा रही है.