अमरावती

अंतत: एपीएमसी में कामकाज हुआ शुरू, गतिरोध खत्म

अब बाहरी मजदूरों को मंडी से बाहर करनी होगी अपने रहने की व्यवस्था

  • स्थानीय मजदूरों ने मंडी परिसर के रिहायशी प्रयोग पर उठायी थी आपत्ति

  • मंडी प्रशासन ने निकाला मध्य मार्ग, सभी पक्षों से की बातचीत

अमरावती/दि.२६ – तीन दिन पूर्व अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती में काम करनेवाले हमालों के दो गुटों के बीच आपसी वादविवाद होने के साथ ही जमकर मारपीट भी हुई थी. जिसकी वजह से यहां पर व्यवसाय करनेवाले अडत व्यवसायियोें में भय की लहर व्याप्त हो गयी थी और उन्होंने अपनी सुरक्षा को देखते हुए किसानों से उनका माल खरीदना बंद कर दिया था. वहीं यह मामला पुलिस में जाने के बाद पुलिस ने मारपीट करनेवाले हमालों के गुट के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की. जिससे हमालों में रोष की लहर फैली और दूसरे दिन उन्होंने काम बंद आंदोलन शुरू किया. ऐसे में किसानों से उनकी उपज खरीदने का काम दूसरे दिन भी बंद रहा और यह गतिरोध तीसरे दिन भी लगातार जारी रहा. जिसके बारे में पता चला कि, यह मसला स्थानीय व बाहरी हमालों के बीच हुए विवाद से जुडा हुआ है और स्थानीय हमाल चाहते है कि, एपीएमसी के भीतर अपनी रिहाईश बना चुके परप्रांतिय हमालों को अपना निवास कहीं बाहर बनाने हेतु कहा जाये. इसी वजह से यह सारा बखेडा चल रहा था. जिसे मान्य करते हुए एपीएमसी ने फैसला किया कि, अब कोई भी मजदूर एपीएमसी के भीतर अपना निवास बनाकर नहीं रह सकेगा और परप्रांतिय मजदूरों को एपीएमसी परिसर से बाहर अपने निवास की व्यवस्था करनी होगी.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती में कृषि उपज खरीदी का व्यवसाय करनेवाले व्यवसायियों द्वारा माल की लदाई व ढुलाई हेतु यूपी व बिहार जैसे उत्तर भारतीय राज्यों से वास्ता रखनेवाले कई लोगों को हमाली का काम करने के लिए अपने यहां काम पर रखा जाता है. साथ ही साथ ही एमपीएमसी के हमालों में कई स्थानीय लोगों का भी समावेश है, लेकिन आज तक एपीएमसी में स्थानीय व बाहरी के मसले को लेकर कभी कोई विवाद नहीं हुआ. किंतु लॉकडाउन काल के दौरान जब अमरावती एपीएमसी कुछ समय के लिए बंद रही, तो उस वक्त कई परप्रांतिय हमाल अपने गृह राज्य लौट गये. कालांतर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही इन परप्रांतिय मजदूरों का वापिस आना शुरू हुआ. इस दौरान एपीएमसी में धीरे-धीरे कामकाज भी गति पकडने लगा था, लेकिन अब तक कामकाज की स्थिति पहले जैसी नहीं हो पायी है. ऐसे में रोजगार के अवसर कुछ हद तक सीमित है. संभवत: इन्हीं अवसरों के बंटवारे को लेकर स्थानीय और बाहरी हमालों के बीच टकराव की स्थिति बनी और दोनोें गुट आपस में भिड गये. स्थानीय हमालों का आरोप है कि, खरीददारों द्वारा बाहर से लाये गये हमालों ने एपीएमसी परिसर के भीतर ही अपने घर बना लिये है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है. और यदि बेघर होने के नाते एपीएमसी द्वारा परप्रांतिय मजदूरों को मंडी परिसर में रहने की अनुमति दी जा रही है, तो बेघर रहनेवाले स्थानीय मजदूरों को भी यहां रहने की अनुमति दी जाये.
इस एक बात को लेकर शुरू हुआ विवाद स्थानीय व बाहरी मजदूरोें के बीच हाथापाई व झगडे की हद तक पहुंच गया, और हमालों के दो गुट विगत दिनो आपस में भिड गये. यह बात ध्यान में आते ही मंडी सभापति अशोक दहीकर, उपसभापति नाना नागमोते तथा मंडी सचिव दीपक विजयकर ने तुरंत स्थानीय व बाहरी हमालों सहित यहां पर अडत व्यवसाय करनेवाले व्यापारियों के बीच सामंजस्य व समन्वय स्थापित करने हेतु मध्यस्थता करनी शुरू की. जिसे लेकर बुधवार २५ नवंबर को यहां पर लगातार चर्चाओं का दौर चलता रहा. जिसके बाद तय किया गया कि, अब मंडी परिसर का किसी भी मजदूर द्वारा अपने निवास क्षेत्र के तौर पर प्रयोग नहीं किया जा सकेगा और बाहरी मजदूरों को मंडी परिसर के बाहर ही अपने रहने की व्यवस्था करनी पडेगी.

मंडी परिसर में किसी को रहने की इजाजत नहीं दे सकते

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, गत रोज मंडी प्रशासन द्वारा लिये गये फैसले के बाद शहर में बडी तेजी से खबर फैली की अमरावती फसल मंडी से परप्रांतिय मजदूरों को बाहर निकाल दिया गया है और उन्हें अब यहां पर काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी. जिसका खंडन करते हुए फसल मंडी के उपसभापति नाना नागमोते ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि, फसल मंडी में काम करनेवाले हमालों से मंडी प्रशासन का कोई सीधा लेन-देन या संबंधी नहीं होता. अत: किसी को काम पर रखने या काम करने से रोकने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अलबत्ता यह जरूर तय किया गया है कि, मंडी परिसर का किसी हमाल द्वारा अपने रिहायशी क्षेत्र के तौर पर प्रयोग न किया जा सके, क्योंकि मंडी परिसर कोई रिहायशी क्षेत्र नहीं है. नाना नागमोते के मुताबिक मंडी परिसर में हमाली का काम करने हेतु खरीददारों द्वारा हमाल लाये जाते है, और यदि वे अन्य राज्यों के हमालों को काम पर रखते है तो उनके निवास की व्यवस्था भी खुद उन्हें ही करनी होगी. इसके साथ ही नाना नागमोते ने बताया कि, चूंकि अभी मंडी में विगत तीन दिनों का माल आकर पडा है, ऐसे में फिलहाल बिना पूर्व सूचना के कोई भी किसान यहां पर अपना माल लेकर न आये और मंडी प्रशासन द्वारा कामकाज की स्थिति सुचारू होने के संदर्भ में सूचना जारी करने की प्रतिक्षा की जाये.

बडनेरा मंडी में की गई रहने की अस्थायी व्यवस्था

मंडी सूत्रों ने बताया कि, अमरावती फसल मंडी को अपने रहने का ठिकाना बना चुके परप्रांतिय मजदूरों को यहां से बाहर निकालने का फर्मान जारी करने के साथ ही मंडी प्रशासन ने फिलहाल उनके रहने की अस्थायी व्यवस्था बडनेरा स्थित मंडी की उपशाखा में की है. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द शहर में कहीं पर भी अपने रहने की व्यवस्था कर लेने का निर्देश भी दिया गया है. मंडी प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिये जाने के बाद स्थानीय हमालों ने मंडी में काम करना शुरू किया और करीब तीन दिन बाद मंडी में कामकाज सुचारू हो सका. वहीं दूसरी ओर एपीएमसी में व्यवसाय करनेवाले अडत व्यवसायियों ने मंडी प्रशासन द्वारा लिये गये फैसले पर नाराजगी जतात हुए कहा कि, यदि परप्रांतिय मजदूरों को एपीएमसी से बाहर निकाल दिया जाता है, तो यहां पर कामकाज बुरी तरह से प्रभावित होगा.

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