टैक्स अदा करने की झंझटों से मुक्त करें वित्त मंत्री
अमरावती में अनेक व्यापारियों की यहीं अपेक्षा
* आयकर में छूट से बाजार में बढेगी रौनक
अमरावती /दि.24– 7 दिनों पश्चात देश की खजांची निर्मला सीतारामन अपना आठवां बजट प्रस्तुत करने जा रही है. जिसे लेकर समाज के सभी वर्ग नाना प्रकार की अपेक्षाएं व्यक्त कर रहे हैं. महिलाओं का अपना एजेंडा बजट को लेकर है. वहीं व्यापारी वर्ग की सबसे आम शिकायत टैक्स के नये-नये प्रावधानों और जटिल प्रकिया संबंधी है. अमरावती मंडल ने शहर के दर्जनों प्रमुख व्यापारियों से इस बारे में आशा-अपेक्षा व्यक्त करने कहा, तो सभी ने एक स्वर में टैक्स कलेक्शन की प्रक्रिया सरल करने की अपेक्षा व्यक्त की विशेषकर सेवा व वस्तु कर अर्थात जीएसटी को लेकर हर महीने नियम बदलने से व्यापारियों को होने वाली दिक्कत का कच्चा चिठ्ठा अमूमन सभी ने पढा.
* व्यापार करें या टैक्स नियमों की पढाई
शहर के प्रमुख कारोबारी मोहन कलंत्री ने कहा कि, व्यापारियों को शासन का टैक्स अदा करने में कभी हिचक नहीं रही है. लाखों-करोडों का टैक्स शासन को जमा कराते आये हैं. अभी परिस्थिति जटिल कर रखी गई है. हर महीने नियम में परिवर्तन हो जाता है. व्यापारी अपना व्यवसाय करें या नियम परिवर्तन की पढाई? समझ नहीं आ रहा. कई बार जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में विलंब हो जाता है. अथवा उसमें चूक हो जाती है. इस गलती को सुधारने का मौका शासन ने देना चाहिए. आयकर में इस प्रकार के प्रावधान है. जबकि जीएसटी में ऐसा प्रावधान नहीं है, उसी प्रकार भारी पैनल्टी लगा दी जाती है. यह सरासर गलत प्रथा है. व्यापारी वर्ग करोडों का टैक्स का भुगतान करता है. जबकि सरकारी सिस्टम ने अब व्यापारियों को मानों अपने विभाग का कर्मचारी बना लिया है. अन्य करों में भी प्रक्रिया सरल करना सरकार और जनता के हित में रहेगा. कर संबंधित शिकायतों का निपटारा भी जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. उसी प्रकार माफी योजना का क्रियान्वयन प्रभावी होना चाहिए. कई बार व्यापारियों को पैनल्टी वेवर की जानकारी नहीं रहती. ऐसे में अधिकारियों का और विभाग का जिम्मा है कि, वह इस प्रकार की माफी योजना के बारे में व्यापारियों को बतलाए, इसके लिए चाहे तो सेमिनार, चर्चासत्र के आयोजन किये जा सकते हैं.
– मोहन कलंत्री