गरीब कैदियों के लिए ‘आर्थिक’ सहायता योजना
प्रभावी अमल के लिए चार सदस्यीय समिति गठित
अमरावती/दि. 22– राज्य के कारागृह के गरीब, सामान्य कैदियों के लिए ‘आर्थिक’ सहायता यह विशेष योजना शुरु की गई है. इसके लिए केंद्र शासन द्वारा कदम उठाए गए है. इस योजना पर राज्य में प्रभावी अमल करने के लिए चार सदस्यीय पर्यवेक्षी समिति गठित की गई है. इस संदर्भ में 10 जनवरी को गृह विभाग ने शासन निर्णय जारी किया है.
कारागृह में कैदियों के लिए स्वतंत्र ‘प्रिझन मैन्यूअल’ बनाया गया है. इसमें शिक्षा भुगतनेवाले कैदी और जिन पर आरोप सिद्ध नहीं हुआ है और केवल संदेह के आधार पर जेल में कैद रहे न्यायाधीन कैदी को स्वतंत्र रखना अपेक्षित है. लेकिन कारागृह में बढती कैदियों की संख्या को देखते हुए यह संभव नहीं हो पा रहा है. कुछ कारागृह में तो क्षमता से दोगुने कैदी कैद है. इतनी बडी संख्या के कैदियों का खाना, उन्हें दी जानेवाली वैद्यकीय सुविधा, वहां की स्वच्छता, शौचालय पर काफी बडे प्रमाण में तनाव पडता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कारागृह की भीड कम करने के मकसद से केंद्र शासन ने गरीब और सामान्य कैदियों के लिए आर्थिक सहायता योजना लागू की है. ‘सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स’ इस योजना के तहत कैदियों को आर्थिक सहायता मिलनेवाली है. इसमें गरीब, सामाजिक दृष्टि से वंचित, कम शिक्षित, अल्प आय गट के कैदियों को लाभ होकर कारागृह के बाहर आने में सहायता होगी. गरीब, अज्ञान, निरक्षरता और उपेक्षित दुर्बल घटक के कैदियों को केंद्र शासन की ‘सपोर्ट टू पुअर प्रिजनर्स’ योजना की सहायता मिलने के लिए राज्य शासन ने चार सदस्यीय पर्यवेक्षी समिति गठित की है. इसमें अध्यक्ष पद पर पुणे और नागपुर कारागृह की उपमहानिरीक्षक स्वाती साठे, सदस्य के रुप में येरवडा मध्यवर्ती कारागृह के अधीक्षक सुनील ढमाल, नागपुर मध्यवर्ती कारागृह के अधीक्षक वैभव आगे तथा सदस्य सचिव नागपुर कारागृह उपनिरीक्षक कार्यालय के उपअधीक्षक दयानंद सोरटे का समावेश है. इस समिति का कार्य शासन द्वारा निश्चित कर दिया गया है. इसके मुताबिक हर माह बैठक का आयोजन कर विस्तृत रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करनी पडेगी.