अमरावती

अमेरिका से पार्थिव देश लाने करना पडा आर्थिक लेन-देन

गुरुवार को अमरावती में किया गया अंतिम संस्कार

अमरावती/दि.11 भारतीय इंजीनियर की गत माह दिल का दौरा पडने से अमेरिका में मृत्यु हो गई. वहां के एजेंसी के माध्यम से पार्थिव स्वदेश लाने के लिए करार हुआ था. लेकिन एजेंसी की खामियों के कारण एयर इंडिया ने पार्थिव भारत ले जाने से इंकार कर दिया. इस कारण इस इंजीनियर के भारतीय परिजनों ने सभी राजनीतिक नेताओं से गुहार लगाई. लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला. आखिरकार उसी एजेंसी के माध्यम से आर्थिक लेन-देन कर 20 दिनों बाद गुरुवार को इंजीनियर का पार्थिव स्वदेश लाकर अमरावती में उसका अंतिम संस्कार किया गया.
अमरावती के मुद्लियार नगर निवासी तुषार माणिकराव बारहाते (44) यह मई माह में परिवार के साथ अमेरिका के केलिफोर्निया में नौकरी के लिए गए थे. 20 जुलाई को अमेरिका में उनके निवास पर दिल का दौरा पडा. परिवार के सदस्य तत्काल उन्हें अमेरिका के एक अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया. उनकी पत्नी और दो नाबालिग बेटे उस समय वहीं थे. इंजीनियर तुषार का अचानक निधन हो जाने से बारहाते परिवार पर शोक में डूब गया. तुषार का पार्थिव स्वदेश लाने के लिए परिवार के सदस्यों को अनेक समस्याओं से जूझना पडा. तुषार के छोटे भाई वैभव ने अमेरिका के स्थानीय एजेंसी के माध्यम से पार्थिव भारत लाने की प्रक्रिया की. लेकिन एजेंसी ने कुछ गलतियां की. जिससे एयर इंडिया ने पार्थिव भारत लाने से इंकार कर दिया. बारहाते परिवार ने सभी राजनीतिक नेताओं से गुहार लगाई, लेकिन उनके प्रयास विफल रहे. इस प्रक्रिया में दो सप्ताह निकल गए. आखिरकार उसी अमेरिकी एजेंसी के माध्यम से आर्थिक लेन-देन कर खामिया दूर की गई. पश्चात 10 अगस्त को तुषार बारहाते का पार्थिव अमरावती लाया गया और यहां के हिंदु स्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया गया. वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, भाई, दो बेटों का भरापूरा परिवार छोड गया.

 

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