अमरावती

कपास उपलब्ध न होने से फिनले मिल हुई बंद

राष्ट्रीय वस्त्र निगम की तिजोरी है खाली

  • केंद्र से उद्योग को कोई राहत पैकेज नही

परतवाड़ा/अचलपुर दि. 24 – आज 24 अप्रैल, शनिवार से जुड़वाशहर की जीवनदायनी फिनले मिल बंद हो गई.दो दिन पूर्व मिल बंद करने के संदर्भ में मिल प्रबंधन ने नोटिस लगाया था.कपास उपलब्ध न होने से मिल बंद करने की नोबत आन पड़ी.बावजूद इसके लॉकडाउन फर्स्ट के समान ही श्रमिको को वेतन दिया जायेगा.मिल की मशनरी, यंत्र सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के रखरखाव का कार्य करने के लिए समय समय पर प्रशिक्षित, निपुण कर्मियों की सेवाएं ली जाएंगी.
लॉकडाउन खत्म होने के बाद एनटीसी ने जिन पांच मिलो को शुरू करने की अनुमति दी थी उसमें फिनले अचलपुर भी एक थी.अन्य में बुरहानपुर मिल,राजनगावं और दक्षिण की दो मिलो का समावेश था.पांच में से सिर्फ फिनले ही शुरू हो पाई थी.अन्य मिल का चक्का भी घूम नही पाया. जनवरी 2021 में लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिनले सिर्फ इसलिए शुरू हुई क्योंकि उसका रखरखाव रोजाना किया जा रहा था.मिल में कच्चे माल के तौर पर कपास की भी कमी नही थी.जनवरी में मिल शुरू हुआ,साथ ही उत्पादन भी हुआ.कपास खत्म हो गया तब मान्यता प्राप्त श्रमिक संघटन इंटक ने कपास भेजने के लिए स्थानीय प्रबंधन के साथ मुंबई-दिल्ली मुख्यालय में चर्चा की .तब जाकर 28 दिन उत्पादन का कपास प्राप्त हुआ.इसके बाद फिर कपास की किल्लत पैदा हुई.इंटक और स्थानीय प्रबंधन की उठापटक के चलते मार्च में फिर कपास उपलब्ध कराया गया.इस तमाम गतिविधियों में राज्यमंत्री बच्चू कडू की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
  अब कपास पूरी तरह खत्म हो चुका है.केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से आहत उद्यगो को राहत पैकेज देने की घोषणा जरूर की थी लेकिन केंद्र से एनटीसी को कोई मदत अभी तक नही मिली है.
 दूसरी ओर जनवरी से अप्रैल 22 तक फिनले ने काफी ज्यादा उत्पादन किया.वर्तमान में फिनले के पास करीब 6500 बैग्स यार्न(धागा ) तैयार पड़ा है,मार्केट में माल का उठाव नही होने से तैयार माल बिक नही पा रहा.फिनले के करीब 150 डीलर है.लॉकडाउन पार्ट टू के कारण इचलकरंजी, भिवंडी ,बुरहानपुर आदि सभी जगह के कपड़ा व हैंडलूम यूनिट बंद पड़े है.यदि मिल में तैयार पड़ा यार्न बिक जाता है तो उससे प्राप्त रकम के बलबूते पर फिनले को 7से 8 महीने और भी संचालित किया जा सकता.यार्न बिकने पर स्थानीय स्तर पर ही श्रमिको की मजदूरी के साथ ही कपास खरीदने का भी प्रबंध किया जा सकता.अफसोस इस बात का है कि लॉकडाउन के चलते खरीदार यूनिट ही बंद पड़े है.
राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष मोहन गोखले ने बताया कि उम्मीद है 10-15 दिनों में मिल पूर्ववत शुरू हो जाएंगी.राज्यमंत्री बच्चू भाऊ भी इस कार्य मे पूरा सहयोग दे रहे है.

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