अमरावती

फिनले मिल कामगारो की दीपावली अंधेरे में

७० दिनों से श्रृंखलाबद्ध अनशन जारी

परतवाडा/अचलपुर प्रतिनिधि/दि.१० – जुडवा शहर का एकमात्र उद्योग फिनले मिल को कोरोना की पाश्र्वभूमि पर लगाए गए लॉकडाउन के तहत बंद कर दिया गया था. जिसमें अनलॉक के पश्चात भी एनटीसी द्वारा संचालित फिनले मिल पूर्ववत शुरु नहीं की गई. साथ ही मजदूरों व कामगारों के वेतन में कटौती की गई. जिसको लेकर पिछले ७० दिनों से भारतीय मजदूर संघ संलग्र मिल कामगार संघ के नेतृत्व में श्रृंखलाबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. ७० दिन बीत जाने के पश्चात भी संबंधित प्रशासन द्वारा मिल पूर्ववत शुुरु किए जाने के संदर्भ में निर्णय नहीं लिया गया. जिससे सैकडो कामगारों की दीपावली अंधेरे में होगी, ऐसा स्पष्ट चित्र दिखाई दे रहा है.
पिछले ७० दिनों से श्रृंखलाबद्ध आंदोलन के दौरान कामगारो द्वारा संबंधित प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु अनशन मंडप में मुंडन आंदोलन भी किया गया था. इस पर भी संबंधित प्रशासन के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी. संबंधित प्रशासन को आवेदन दिए गए राजनीतिक पार्टिओं ने भी कामगारों के इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया. लोकसभा में भी मामला उपस्थित किया गया. किंतु संबंधित शासन द्वारा आज तक भी निर्णय नहीं लिया गया. सोमवार को फिनले मिल कामगारों द्वारा चलाए गए आंदोलन को ७० दिन बीत जाने के पश्चात भी संबंधित प्रशासन ने किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिए जाने की वजह से अब इन कामगारों की दीपावली अंधेरे में होगी.

  • कामगारों की परिस्थिति दिया लगाने की भी नहीं

लॉकडाउन के दौरान फिनले मिल को भी ताला लगा दिया गया. पिछले दो महीनों से मिल पूर्ववत शुरु किए जाने को लेकर श्रृखंलाबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. दीपावली के पूर्व वेतन न मिलने की वजह से सैकडो कामगारों की आर्थिक स्थिति बिगड चुकी है. आंदोलन के दौरान तीन कामगारों की भी मौत हो चुकी है. दीपावली पर कामगारों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है की वे दीपावली पर्व पर एक दिया भी नहीं लगा सकते.
-अभय माथने,
अध्यक्ष मिल कामगार संघ अचलपुर

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