अमरावती

अत्याचार मामले में एफआईआर देरी से दाखल

हाईकोर्ट ने किया रद्द, अमरावती का मामला

अमरावती/दि.2 – सहमति से प्रेमसंबंध रहते हुए भी अविवाहित महिला ने युवक के खिलाफ 3 वर्ष देरी से दाखल किया एफआईआर नागपुर खंडपीठ ने रद्द कर दिया है. निखिल गजभिये (27, अमरावती) यह एफआईआर रद्द हुए युवक का नाम है. इस युवक का अमरावती निवासी 25 वर्षीय अविवाहित युवती के साथ 2016 मेें पेरेमसंबंध थे. युवक ने उसे विवाह का प्रलोभन दिखाकर अत्याचार किया. कुछ दिन बाद उनके बीच झगडा हुआ. जिससे उनके बीच प्रेमसंबंध खत्म हुए. दोनों के बीच मिलना जुलना भी बंद हुआ. 2019 में युवक का दूसरी एक युवती के साथ विवाह तय हुआ. यह जानकारी लडकी को पता चली, जिससे उसने गाडगे नगर पुलिस थाने में जाकर युवक के खिलाफ अत्याचार करने की शिकायत दर्ज की. पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 376 अंतर्गत अपराध दर्ज किया. पुलिस व्दारा दर्ज किया अपराध रद्द करने के लिए युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
इस मामले में न्यायमूर्ति झेड.ए.हक व न्यायमूर्ति अमित बोरकर के समक्ष सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुन ली तथा शिकायतकर्ता युवती नाबालिग नहीं, उनमें सहमति से प्रेमसंबंध थे तथा शिकायत तीन वर्ष देरी से पुलिस थाने में दिये जाने से हाईकोर्ट ने युवक के खिलाफ दर्ज अपराध रद्द किया. युवक की ओर से एड.मंगेश बुटे ने पक्ष रखा.

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