* मामला बिना डिमांड के 29 तलवारों की आमद का
अमरावती/दि.29– गत रोज स्थानीय लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन नामक प्रतिष्ठान के संचालक मुकेश मालवीय की ओर से राजापेठ पुलिस को जानकारी दी गई कि, उनके द्वारा माल नहीं मंगाये जाने के बावजूद एमेझॉन लिक्विडेशन स्टॉक क्लिअरन्स प्रॉडक्टस् स्टोर द्वारा उन्हें 29 तलवारों की खेप भेजी गई है. जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है. जिसके बाद राजापेठ पुलिस ने तुरंत ही 34 इंची लंबाईवाली इन 29 तलवारों की खेप को अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन सर्वाधिक हैरत की बात यह रही कि, तलवारों की खेप भेजनेवाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ-साथ इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करानेवाले लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन के संचालक मुकेश मालवीय के खिलाफ भी आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया. जिसे लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है.
इस मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर में लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन नामक एक रिटेल स्टोर है, जो एमेझॉन लिक्विडेशन स्टॉक क्लिअरन्स प्रॉडक्ट स्टोर्स से ब्रैण्ड कैसल एवं आरसीसी ग्रुप के जरिये विभिन्न तरह के उत्पादों की निलामी के जरिये खरीदी करता है. बता दें कि, एमेझॉन नामक पोर्टल द्वारा पूरी दुनिया में अलग-अलग विक्रेताओं के जरिये हजारों-लाखों तरह के उत्पादों की ऑनलाईन तरीके से बिक्री की जाती है. कई बार ऐसा भी होता है कि, ग्राहकों द्वारा किसी भी तरह का उत्पाद खरीदने हेतु मंगाये जाने के बाद वह उत्पाद पसंद नहीं आने पर उसे डिलीवरी मिलने के बाद रिटर्न यानी वापिस कर दिया जाता है. ग्राहकों की ओर से रिटर्न आनेवाले ऐसे उत्पादों को वापिस प्राप्त करते हुए रखने हेतु देश में अलग-अलग स्थानों पर एमेझॉन लिक्विडेशन स्टॉक क्लिअरन्स प्रॉडक्टस स्टोर्स के नाम से गोदाम बनाये गये है. जहां पर ग्राहकों की ओर से वापिस भेजे गये उत्पादों को रखा जाता है और संबंधित विक्रेता कंपनियोें को अपना माल वापिस लेने हेतु अपने उत्पादों पर क्लेम करने के बारे में सुचित किया जाता है. लेकिन अधिकांश मामलों में ऐसे उत्पादों पर संबंधित कंपनियोें द्वारा कोई क्लेम नहीं किया जाता. ऐसे में एमेझॉन के गोदामों द्वारा इन उत्पादों की नीलामी की जाती है और अलग-अलग उत्पादों के तीन से पांच हजार आयटम साथ मिलाकर उनकी गाडी बनायी जाती है और एक गाडी यानी ट्रक में शामिल हो सकनेवाले माल की नीलामी होती है. नीलामी के जरिये बेचे जानेवाले माल की खरीददारी भटिंडा स्थित ब्रैण्ड कैसल नामक कंपनी द्वारा खरीददारी की जाती है. जिसे बुरहानपूर स्थित आरसीसी ग्रुप द्वारा सब एजेंट के तौर पर खरीदा जाता है और इसी आरसीसी ग्रुप से लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन जैसे स्थानीय वितरकों द्वारा यह माल नीलामी के तौर पर लिया जाता है. जिसकी स्थानीय वितरकों द्वारा अपने रिटेल स्टोर में बिक्री की जाती है. पता चला है कि, एमेझॉन कंपनी के गोदाम से जब नीलामी के लिए अलग-अलग आयटम का समावेश करते हुए गाडी भरी जाती है, तो उसमें मोबाईल, कपडे, खिलौने, इलेक्ट्रीकल्स व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न उत्पादों की कैटेगिरी के साथ-साथ एक कैटेगिरी ‘अदर्स’ यानी अन्य उत्पादों की भी होती है. बाकी कैटेगिरीयों में क्या माल आनेवाला है, इसका अनुमान तो स्थानीय वितरक को रहता है, लेकिन अदर्स कैटेगिरी में कौनसे उत्पाद आयेंगे, इसकी कोई कल्पना स्थानीय वितरक को नहीं रहती. साथ ही इस बारे में नीलामी उठानेवाली कंपनियों को भी कोई जानकारी नहीं रहती. क्योंकि पूरा डिस्पैच सीलबंद डिब्बों व पैकेटों में किया जाता है और पैकिंग की सील माल की डिलीवरी स्थानीय वितरण को हो जाने के बाद ही खोली जाती है.
चूंकि राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र परिसर अंतर्गत स्थित लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन नामक वितरक द्वारा हमेशा ही एमेझॉन के गोदाम से अपने उपर रहनेवाली दो कंपनियों के जरिये माल मंगाया जाता रहा है. ऐसे में उन्हें अक्सर ही अदर्स कैटेगिरी में बिना ऑर्डर व बिना कल्पनावाला माल भी मिलता रहा है. जिसमें कार व ऑटो के टायर जैसे उत्पादों का भी समावेश रहा. किंतु चूंकि इन उत्पादों की विक्री होती है और इन्हें लेकर कोई कानूनी पछडा भी नहीं होता. ऐसे में किसी तरह की आपत्ति लेने का सवाल ही नहीं उठा. लेकिन गत रोज लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन को एमेझॉन कंपनी के हरियाणा स्थित गोदाम से नीलामीवाले उत्पादों की जो गाडी भरकर भेजी गई, उसमें से प्राप्त डिस्पैच को जब लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन के संचालक सहित कर्मचारियों ने खोला, तो अदर्स कैटेगिरी के तहत आये डिस्पैच को खोलते ही उनकी आंखे फटी की फटी रह गई, क्योंकि उसमें एक-दो नहीं, बल्कि 29 तलवारे थी. चूंकि तलवार जैसे धारदार व घातक हथियारों की खरीदी-बिक्री कानूनी रूप से प्रतिबंधित है और अपने पास तलवार रखना कानूनन जुर्म भी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन के संचालक मुकेश मालवीय ने अपनी जिम्मेदारी समझकर इस मामले की जानकारी तुरंत ही राजापेठ पुलिस थाने पहुंचकर दी और राजापेठ पुलिस स्टेशन के थानेदार मनीष ठाकरे को पूरा मामला बताया. जिसके बाद पीआई मनीष ठाकरे की अगुआई में राजापेठ पुलिस का एक दल तुरंत ही लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन नामक प्रतिष्ठान में पहुंचा और 29 तलवारों के इस जखीरे को जप्त करते हुए पुलिस थाने लाया गया. जहां पर ब्रैण्ड कैसल व आरसीसी ग्रुप इन दो कंपनियों के संचालकों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के साथ-साथ इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज करवानेवाले लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन के संचालक मुकेश मालवीय के खिलाफ ही आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जिसे लेकर हैरत जताई जा रही है.
* धडल्ले के साथ हथियारों की खुली बिक्री का पुख्ता सबूत आया सामने
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, दैनिक अमरावती मंडल ने इससे पहले कई बार पूरी प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित करते हुए ऑनलाईन शॉपिंग कंपनियों के जरिये चायना चाकू, गुप्ती व तलवारों की बिक्री होने के संदर्भ में पुलिस सहित प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था. जिसके बाद शहर पुलिस आयुक्तालय सहित ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा इस संदर्भ में एक आदेश जारी करते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई थी. लेकिन हथियारों की ऑनलाईन बिक्री को रोकने के लिए किसी भी तरह के कोई कारगर व प्रभावी कदम नहीं उठाये गये. जिसकी वजह से ऑनलाईन शॉपिंग कंपनियों द्वारा बडे धडल्ले के साथ हथियारों की खुलेआम ऑनलाईन बिक्री की जा रही है. इस बात का सबसे बडा सबूत गत रोज उजागर हुई घटना को कहा जा सकता है. गत रोज उजागर हुई घटना से यह तथ्य सामने आया है कि, एमेझॉन कंपनी द्वारा ग्राहकों से तलवारों के ऑर्डर स्वीकार किये गये ग्राहकों को विभिन्न विक्रेताओं के जरिये तलवारों की सप्लाई की गई. जिसमें से कई ग्राहकों ने तलवार की डिलीवरी मिलने के बाद उसे वापिस लौटा दिया. ग्राहकों द्वारा लौटाई गई यह सभी तलवारे एमेझॉन कंपनी के हरियाणा स्थित गोदाम में लाकर जमा की गई. जाहीर तौर पर इस पूरी प्रक्रिया के दौरान इन तलवारों की कंपनी द्वारा अपनी सप्लाई चेन के जरिये अलग-अलग शहरों में वितरण किया गया और अलग-अलग शहरों में भेजी गई यह तलवारे वापिस एक लंबा सफर तय करते हुए हरियाणा स्थित कंपनी के गोदाम में पहुंची. जहां से इन्हें ‘अदर्स’ कैटेगिरी में शामिल करते हुए हरियाणा से व्हाया बुरहानपुर अमरावती भेजा गया, यानी तलवारों के इस जखीरे ने सैंकडों किलोमीटर का सफर तय किया. लेकिन कई राज्यों की सीमा पार करने के बावजूद इसकी कहीं कोई जांच-पडताल भी नहीं हुई. इसे तो गनिमत मानना चाहिए कि, लक्ष्मी-गणेश कम्युनिकेशन के संचालक मुकेश मालवीय ने इन तलवारों की ‘परभारे’ बिक्री करने की बजाय इसकी जानकारी खुद होकर पुलिस को दी. साथ ही एमेझॉन के गोदाम से नीलामी उठानेवाली दोनों कंपनियों को भी इसकी इतिल्ला दी. जिसकी वजह से यह पूरा मामला उजागर हुआ. साथ ही इस बात पर भी मुहर लग गई है कि, ऑनलाईन तरीके से व्यवसाय करनेवाली शॉपिंग कंपनियों द्वारा किस तरह से हथियारों की धडल्ले के साथ खुलेआम बिक्री की जा रही है.