* भारत सॉ मिल में भी आग के चलते बडा नुकसान
* न्यू कॉटन मार्केट में बारदाने का ढेर जला
* 6 स्थानों पर कचरे के ढेर से उठी आग की लपटें
* पटाखों से निकली चिंगारियों के चलते हुए अग्निकांड
अमरावती/दि.13 – बीती रात दीपावली का पर्व बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और जमकर आतिशबाजी भी हुई. परंतु आतिशबाजी के लिए चलाए गए पटाखों विशेषकर जमीन से हवा में छोडे जाने वाले पटाखों से निकली चिंगारियों की वजह से शहर में 10 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं घटित हुई. जिसमें से 2 स्थानों पर भीषण अग्निकांड होकर बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. वहीं एक स्थान पर छिटपूट नुकसान होने के साथ ही 6 स्थानों पर कचरे के ढेर में आग लगने की घटनाएं सामने आयी. जिसके चलते पूरी रात दमकल विभाग को अच्छी खासी दौडभाग करनी पडी. परंतु पहले से ही पूरी तरह मुस्तैद दमकल विभाग ने आग लगने की प्रत्येक सूचना को गंभीरतापूर्वक लेते हुए हर स्थान पर लगी आग पर काबू पाया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत आने वाले भातकुली शहर में करीब 150 वर्ष पुराना राम मंदिर स्थित है. जिसके निर्माण में बडे पैमाने पर सागौन की लकडियों का प्रयोग किया गया है. इस मंदिर के बीच से पीपल का एक बेहद पुराना वृक्ष उगा हुआ है. जिसके सूखे पत्ते हमेशा ही मंदिर की छत पर गिरते रहते है और मंदिर की छत पर सूखे पत्तों का ढेर लगा रहता है. बीती रात 11 बजे के आसपास अचानक ही इस मंदिर की उपरी मंजिल से आग की लपटें उठती दिखाई दी. जिसमें देखते ही देखते पूरे मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया. इसकी सूचना तुरंत ही दमकल विभाग को दी गई और दमकल विभाग के 4 अग्निशमन वाहन तुरंत मौके पर पहुंचे. जिसके बाद आग को बुझाने का काम शुरु किया गया. लेकिन तब तक यह आग अधिक फैल चुकी थी और मंदिर का भीतरी हिस्सा पूरी तरह से जलकर खाक हो चुका था. एक अनुमान के मुताबिक इस अग्निकांड में करीब 40 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.
भीषण अग्निकांड की दूसरी घटना स्थानीय गांधी नगर के नेहरु टिंबर मार्केट स्थित भारत सॉ मिल में घटित हुई. जहां पर रात 3 बजे के आसपास अचानक ही भयानक आग लग गई. इस आरा मशीन में रखी सूखी लकडियों से आग की लपटें उठती देख तुरंत ही अग्निशमन विभाग को सूचित किया गया. जिसके बाद 4 दमकल वाहन तुरंत मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरु किया गया. करीब ढाई-तीन घंटे के बाद इस आग पर काबू पा लिया गया था. परंतु तब तक इस आरा मशीन में करीब 25 लाख रुपए मूल्य की लकडियां जलकर खाक हो चुकी थी. अनुमान जताया गया है कि, संभवत: हवा में छोडे गए किसी रॉकेट जैसे पटाखे का जलता हुआ अवशेष इस आरा मशीन में रखे लकडियों के ढेर पर आकर गिरा होगा, जिसमें रहने वाली चिंगारी की वजह से सूखी लकडियों के ढेर ने आग पकड ली होगी.
इसके अलावा स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति की फसल मंडी यानि न्यू कॉटन मार्केट परिसर में कृषि उपज भरने हेतु रखे गए खाली बारदाने के ढेर में भी बीती रात अचानक आग लग गई. संभवत: यहां पर भी आसमान से किसी जलते हुए पटाखे की चिंगारी आकर गिरी होगी. जिसके चलते बारदाने के ढेर ने आग पकड ली. इसके साथ ही शहर के तीन कंपोस्ट डिपो सहित महादेव खोरी, बेलपूरा व एमआईडीसी परिसर में लगे कचरे के ढेर में बीती रात अचानक ही आग लग गई और धुएं के साथ लपट उठने लगी. जिसकी जानकारी संबंधित क्षेत्रवासियों द्वारा दमकल विभाग को दिए जाते ही अग्निशमन दल के कर्मी मौके पर पहुंचे और सभी स्थानों पर आग को बुझाया गया.
* शिवर में तबेला जलकर खाक, बैल की मौत
– कडबा-कुट्टी सहित कृषि साहित्य जलकर राख
उधर दर्यापुर तहसील अंतर्गत शिवर गांव में अल्पभूधारक किसान अशोक धुमाले का परिवार 12 नवंबर की रात दीपावली का पर्व मनाने के बाद भोजन करने के उपरान्त सो गया था, तभी रात 12 बजे के आसपास उनके मवेशियों के तबेले में अचानक आग लग गई. जिसकी जानकारी मिलते ही धुमाले परिवार सहित उनके पडोसियों ने आग को बुझाने का प्रयास किया. परंतु तब तक तबेले सहित तबेले में रखे कडबा-कुट्टी तथा कृषि उपकरण व साहित्य जलकर खाक हो चुके थे. साथ ही तबेले मेें बंधे एक बैल की भी जलकर मौत हो गई. प्राथमिक अनुमान के मुताबिक किसी पटाखे की चिंगारी तबेले में रखी सूखी घास और कडबा-कुट्टी के ढेर पर आकर गिरने की वजह से यह आग लगी थी. पता चला है कि, अशोक धुमाले ने पहले ही खेती-किसानी के लिए ब्याज से पैसे उधार लिए थे और अब इस आग में उनका काफी नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई देने की मांग गांववासियों द्वारा प्रशासन से की जा रही है.