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फायर ऑडिट का मसला फिर गरमाया
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सभी ईमारतों व होटलों का फायर ऑडिट करने मनपा का अभियान शुरू
अमरावती/दि.23 – शहर की अधिकांश नई व पुरानी ईमारतों में अग्निशमन की व्यवस्था अधूरी है. ऐसे में इन इमारतों में यदि कभी आग लगती है, तो होनेवाले नुकसान की महज कल्पना ही की जा सकती है. विगत दो सप्ताह के दौरान शहर में घटित अग्निकांड की तीन घटनाओं के चलते इस समय फायर ऑडिट का मसला जमकर गरमाया हुआ है तथा होटल व रेस्टॉरेंट सहित एक घर में लगी आग के चलते अपर्याप्त अग्निशमन व्यवस्था की पोल खुल गई है.
बता दें कि, विगत दिनों राजापेठ स्थित होटल इम्पिरिया में लगी आग में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद मनपा प्रशासन हडबडाकर नींद से जागा और शहर में स्थित सभी होटलों का फायर ऑडिट करने का अभियान शुरू किया गया. जिसमें गणेशोत्सव की वजह से कुछ व्यवधान पडा. किंतु गणेशोत्सव से पहले मनपा के पथक द्वारा जितने स्थानों पर जांच-पडताल की गई, उसमें से अधिकांश स्थानों पर मनपा प्रशासन को अग्निशमन व्यवस्था अपर्याप्त ही मिली. ऐसे में अब यह सवाल पूछा जा रहा है कि, इन होटलों को अनुमति देते समय मनपा के सहायक संचालक नगर रचना विभाग सहित अग्निशमन विभाग ने किन बातों की जांच-पडताल की थी, क्योंकि नियमानुसार यदि ईमारत की सुरक्षा हेतु अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था होती है, तभी उस इमारत को एनओसी दी जाती है. लेकिन हकीकत यह है कि, इस समय शहर की अनेकों इमारतों में फायर एक्झिट व फायर एक्सटींगविशर जैसी अग्निशमन व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं अथवा अपर्याप्त है. इसकी जानकारी खुद मनपा पथक ने जांच के बाद दी है. लेकिन इसके बावजूद इन इमारतों को मनपा के ही सहायक संचालक नगर रचना व अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी दी गई है.
ऐसा है नियम
महाराष्ट्र आग प्रतिबंधक व जीवन संरक्षण अधिनियम 2006 के अनुसार किसी भी इमारत, हॉस्पिटल, मॉल, टॉकीज, सांस्कृतिक भवन, अपार्टमेंट, गोदाम, सरकारी इमारत, होटल, रेस्टॉरेंट तथा 15 मीटर से अधिक उंचाईवाली इमारत का प्रतिवर्ष सालभर में एक बार फायर ऑडिट किया जाना बेहद आवश्यक है और इसकी रिपोर्ट मनपा अग्निशमन विभाग के पास प्रस्तुत करना अनिवार्य है. साथ ही अग्निशमन व्यवस्था परिपूर्ण रहने के बिना किसी भी इमारत अथवा प्रतिष्ठान को मंजूरी ही नहीं दी जा सकती, लेकिन इसके बावजूद शहर की कई इमारतों में अग्निशमन व्यवस्था आधी-अधूरी अथवा नदारद है.
चरणबध्द ढंग से कार्रवाई शुरू
इस समय फायर ऑडिट करने के साथ ही होटल, रेस्टॉरेंट व हॉस्पिटल में अग्निशमन व्यवस्था की जांच-पडताल भी की जा रही है और कई लोगोें को नोटीस भी जारी की गई है. साथ ही अन्य इमारतों, अपार्टमेंट व मॉल की भी चरणबध्द ढंग से जांच-पडताल करते हुए कार्रवाई की जायेगी.
– सुरेश पाटील
उपायुक्त, अमरावती मनपा
– शहर में एक सप्ताह दौरान आग लगने की तीन घटनाएं.
– होटल में आधी रात में लगी आग में एक व्यक्ति की मौत.
– घर व रेस्टॉरेंट में लगी आग में लाखों रूपयों का नुकसान.
– मनपा की कार्रवाईयों पर आता है राजनीतिक दबाव.
– बीच में ही मनपा की कार्रवाई हो जाती है ठप्प.
– कई मॉल, प्रतिष्ठान, होटल, रेस्टॉरेंट, बार, अस्पताल, व्यापारी संकुल व अपार्टमेंट में आधी-अधूरी अग्निशमन व्यवस्था.
– शहर में केवल कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही फायर एक्झिट की सुविधा.
– कई स्थानों पर अग्निशमन यंत्र की एक्सपायरी डेट भी खत्म.
– मनपा सहित अग्निशमन विभाग को गंभीरतापूर्वक ध्यान दिये जाने की जरूरत.
नोटीस की भी अनदेखी
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मनपा प्रशासन द्वारा शहर के कई होटल, लॉज व रेस्टॉरेंट को फायर ऑडिट के संदर्भ में नोटीस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर फायर ऑडिट करवाकर उसकी जानकारी मनपा के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. किंतु अधिकांश लोगोें द्वारा इन नोटीसों की अनदेखी की जाती है. वहीं नोटीस में दी गई 15 दिन की अवधि बीत जाने के बाद खुद मनपा प्रशासन भी अपने द्वारा जारी की गई नोटीस की ओर ध्यान नहीं देता. ऐसे में नोटीस जारी करना महज एक कागजी खानापूर्ति साबित हो रहा है.