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हर ओर रही जबर्दस्त धडाम-धूम
अमरावती/दि.6 – करीब डेढ वर्ष तक कोविड संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन की त्रासदी के चलते लोगबाग अधिकांश समय अपने-अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर थे. ऐसे में नवरात्र पर्व के प्रारंभ से प्रतिबंधात्मक नियमों के शिथिल होते ही लोगोें में पर्व व त्यौहार मनाने को लेकर काफी उत्साह देखा गया. जिसके तहत जहां दशहरा पर्व बडी धूमधाम के साथ मनाया गया, वहीं यह सिलसिला दीपावली के पर्व पर भी दिखाई दिया. जब अकेले अमरावती जिले 20 करोड रूपयों से अधिक की पटाखा बिक्री हुई और लक्ष्मीपूजनवाले दिन देर रात तक शहर सहित जिले में आतिशबाजी का दौर चला. जिसके चलते हर ओर से धडाम-धूम की आवाज सुनाई देने के साथ-साथ आसमान में विभिन्न आकार-प्रकार के रंग-बिरंगी रोशनीवाले गोले चमकते दिखाई दिये.
उल्लेखनीय है कि, पर्यावरण की स्थिति एवं प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इस बार राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने दीपावली पर केवल ग्रीन फायर क्रैकर्स चलाने की अनुमति दी थी. उसी प्रकार प्रदूषण विभाग ने 100 से 110 डेसिबल से अधिक आवाज के पटाखे न फोडने का आह्वान किया था. लेकिन इसके बावजूद इस बार दीपावली पर्व पर हर किस्म के पटाखे खरीदे और फोडे गए, जिनमें तेज आवाज करनेवाले पटाखों सहित जबर्दस्त धुआं छोडनेवाले पटाखों का भी समावेश रहा.
बता दें कि, पिछले वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए कडे प्रतिबंध लागू रहने के चलते जिले में दीपावली पर्व पर केवल 7 करोड के पटाखे बिके थे. किंतु इस वर्ष कोविड संक्रमण का असर कम होने और प्रतिबंधात्मक नियमों को शिथिल किये जाने के चलते जिले में 20 करोड रूपयों से अधिक के पटाखे बिके है और समूचे जिले में दीपावली पर्व पर जबर्दस्त आतिशबाजी हुई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, सरकार एवं प्रशासन द्वारा दीपावली पर्व पर लगायी गई तमाम तरह की पाबंदियां व प्रतिबंध लोगों के उत्साह के सामने फीके रहे.
बता दें कि, कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदूषण से बचने के लिए दीपावली में ग्रीन पटाखे जलाने व रात 8 बजे से 10 बजे तक ही आतिशबाजी करने का आह्वान शहर व ग्रामीण पुलिस ने किया था. किंतु दीपावली की शाम इस अपील को सिरे से ठुकराते हुए जमकर आतीशबाजी की गई. जिसके चलते रात 10 के बाद भी पटाखों के धुम-धडाकों की आवाज सुनाई देती रही, यह देखकर भी पुलिस व मनपा प्रशासन मुकदर्शक की भूमिका निभाता रहा. वहीं मनपा ने पटाखें फोडने के लिए 4 जोन में 16 खुली जगहों का चयन कर व्यवस्था की थी, लेकिन इन जगहों पर कोई भी पटाखे फोडने नहीं आया. सभी ने अपने-अपने घर व प्रतिष्ठानों के सामने ही पटाखे जलाए.
प्रदूषण का बढा स्तर, जल्द मिलेगी रिपोर्ट
शहर सहित जिले में की गई बेशुमार आतिशबाजी के चलते वातावरण में प्रदूषण का स्तर निश्चित तौर पर बढा है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी बढ गया है. प्रदूषणस्तर गिनने के लिए विभागीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, राजकमल चौक स्थित महानगर पालिका इमारत तथा एमआइडीसी इनतीन स्थानों पर उपकरण लगाये गये है. जिनके जरिये हवा की गुणवत्ता को जांचा जाता है. इन तीनों स्थानों से जल्द ही आंकडे प्राप्त होंगे. जिसके आधार पर शहर में प्रदूषण के स्तर को लेकर रिपोर्ट प्राप्त होगी.