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पहले 50 फीसद अदा करों बाद में 6 माह में नील करों

सिटी बस मामले में बैंक के कर्ज की बकाया रकम को लेकर कड़ी भूमिका

* नहीं निकल पा रहा कोई मार्ग
* सिटी बस बंद होने को हुए है तीन माह पूर्ण
अमरावती/दि.8- अमरावती सिटी बस को शुरु करने का मामला अभी तक हल नहीं हुआ है. बैंक की बकाया कर्ज की रकम अदा करने को लेकर कड़ी भूमिका है. बैंक का कहना है कि यदि बकाया रकम की 50 प्रतिशत राशि पहले अदा कर शेष रकम 6 माह में अदा करने की शर्त पर सिटी बस शुरु की जा सकती है. लेकिन नए ठेकेदार को यह शर्त मंजूर नहीं है. ऐसे में हाईकोर्ट को ग्रीष्मकालीन अवकाश रहने और अगली सुनवाई 5 जून को रहने से तब तक शहर सिटी बस बंद रहने की संभावना है. तीन माह से अमरावती शहर की लाईफलाईन के पहिए थमे रहने से नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि पृथ्वी टूर्स के संचालक द्वारा बैंक का कर्ज अदा न करने और मनपा की रॉयल्टी भी बकाया रहने से मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर के निर्देश पर सिटी बस की जप्ती कार्रवाई की गई थी. 2 फरवरी से शहर की लाईफलाईन बंद पड़ी है. इस दौरान मनपा द्वारा निविदा प्रक्रिया चलाकर साहू टूर्स एंड ट्रैवल्स के संचालक महेश साहू को सिटी बस चलाने का ठेका दिया गया. लेकिन वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र बैंक शाखा ने सिटी बस के लिए लिए गए कर्ज में से 2 करोड़ 42 लाख रुपए पहले अदा करने की शर्त रखी गई अन्यथा जप्ती कार्रवाई की चेतावनी दी. बैंक की इस कड़ी भूमिका के कारण शहर में सिटी बस अब तक शुरु नहीं हो पाई है. नए ठेकेदार का कहना था कि वह बैंक का बकाया कर्ज अदा करने तैयार है. लेकिन उसे 14 माह की मुद्दत चाहिए. वह हर दिन 55 हजार रुपए के मुताबिक 14 माह में बकाया रकम अदा करने तैयार है. लेकिन बैंक का कहना है कि बकाया रकम में से 50 प्रतिशत पहले अदा किए जाए और शेष कर्ज 6 किश्तों में अदा किया जाए, तभी शहर में सिटी बस चलाने को वह अनुमति दे सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट द्वारा आगामी सुनवाई के पूर्व मनपा, बैंक और ठेकेदार को इसका हल निकालने सूचित किया है. लेकिन बैंक अपने निर्णय पर अडिग है. वहीं दूसरी तरफ मनपा आयुक्त ने बैंक को 14 की बजाय 12 माह में बकाया रकम नए ठेकेदार द्वारा अदा किए जाने का आश्वासन दिया है. लेकिन अब तक यह बात बन नहीं पाई है. वहीं आज बैंक अधिकारियों के साथ मनपा आयुक्त और ठेकेदार के बीच होने वाली बैठक नहीं हो पाई है. अब देखना है हाईकोर्ट में आगामी 5 जून को होने वाली सुनवाई के पूर्व कोई मार्ग निकल पाता है अथवा नहीं, उसी पर सभी का ध्यान केंद्रित है.

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