* 10 ठेकेदार नए ठेके के पक्ष में, 18 ने समयावृध्दि को दी सहमति
अमरावती/ दि.25 – मनपा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में साफ-सफाई हेतु दिये जाने वाले स्वच्छता ठेके को समयावृध्दि दी जाए या फिर नए सिरे से जोन निहाय प्रक्रिया पर अमल किया जाए, इसे लेकर प्रशासन ने किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है. जिसके चलते सफाई ठेकेदारों में अच्छा-खासा संभ्रम देखा जा रहा है. साथ ही इसे लेकर ठेकेदार के दो अलग अलग गुट बन गए है. जिसके तहत 10 ठेकेदार चाहते है कि, नए सिरे से ठेका जारी किया जाए. वहीं 18 ठेकेदारों ने मौजूदा ठेके को ही समयावृध्दि दिये जाने हेतु प्रशासन को निवेदन सौंपा है.
बता दे कि, शहर में साफ-सफाई के काम हेतु अगस्त 2018 में निविदा प्रक्रिया चलाई गई थी. जिसके तहत बाकी प्रभागों सहित बाजार क्षेत्र में स्वच्छता हेतु कुल 23 सफाई ठेकेदारों की नियुक्ति की गई थी. जिन्हें साफ-सफाई के काम हेतु प्रति माह 10 से 12 लाख रुपयों के देयक अदा किये गए. यह दैनिक ठेका वर्क ऑर्डर से अगले तीन वर्ष के लिए दिया गया था. साथ ही काम समाधानकारक रहने पर अगले एक-एक वर्ष ऐसे दो वर्ष की समयावृध्दि देने का प्रावधान किया गया था. जिसे लेकर मनपा ने स्वच्छता ठेकेदार संस्था से बाकायदा करारनामा किया था. इसके तहत मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर ने गत रोज स्वच्छता ठेकेदारों का 3 वर्ष का ठेका पूरा होने के बाद उन्हें पहली समयावृध्दि दी. वहीं अब दूसरी व अंतिम समयावृध्दि मिलने की ओर सभी ठेकेदारों का ध्यान लगा हुआ है, लेकिन इसे लेकर प्रशासन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. वहीं इस दौरान प्रशासन ने सफाई ठेके को समयावृध्दि देने की बजाय जोन निहाय ठेका व्यवस्था अमल में लाने का प्रयास शुरु किया है, ऐसी चर्चा विगत कुछ दिनों से चल रही है. जिसके तहत पूरे शहर में केवल 5 सफाई ठेकेदार नियुक्त किये जाएंगे. यह चर्चा शुरु होेते ही सफाई ठेकेदारों व्दारा इसकी जानकारी प्राप्त करने हेतु सफाई ठेकेदारों व्दारा मनपा मुख्यालय के चक्कर काटे जा रहे है. जिसके तहत 18 ठेकेदारों ने एक वर्ष की समयावृध्दि देने हेतु मनपा आयुक्त को दो बार ज्ञापन सौंपा हैं. वहीं 10 ठेकेदारों ने मनपा आयुक्त को स्वतंत्र तौर पर ज्ञापन देते हुए कहा कि, चुकि उनके ठेके की अवधि अगले महिने खत्म हो रही है. अत: इसके बाद नई दरों पर नई निविदा प्रक्रिया शुरु की जाए.
विशेष उल्लेखनीय है कि, दो स्वतंत्र एवं अलग-अलग स्वरुप वाले इन निवेदनों में 3 ठेकेदार संस्था के नाम ‘कॉमन’ है. यानी ये तीन संस्थाएं दोनों ही व्यवस्थाओं के पक्ष में हैक. वहीं मनपा प्रशासन व्दारा इस विषय को लेकर अब तक अपने पत्ते नहीं खोले गए तथा वेट एण्ड वॉच की भूमिका अपनाकर रखी गई है.