* अभी भी ढाई लाख का टीकाकरण बाकी
अमरावती/दि.28 – कोरोना से बचाव के लिए 12 से 14 और 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाने का काम अब धीमा पड गया है. जिसके लिए सरकारी मशीनरी को दोष दिया जाता है. वहीं संबंधित महकमें का कहना है कि, शालाओं और पालकों की तरफ से थोडी ढिलाई हुई है. आंकडों पर नजर डाले, तो 232762 ऐसे बच्चों को पहला डोज दे दिया गया है. जो 12 वर्ष आयु सीमा के है. उसी प्रकार 15 से 17 वर्ष आयु सीम में भी 3.47 लाख विद्यार्थियों को एक खुराक लगा दी गई है. दूसरी खुराक में 12 साल के 1 लाख 36 हजार और 15 साल के 2 लाख 31 हजार से अधिक विद्यार्थी कोरोना से बचाव का टीका लगवा चुके है.
* यवतमाल आगे
अमरावती संभाग में यवतमाल जिला टीकाकरण में आगे दिखाई दे रहा. वहां 94 हजार विद्यार्थियों में से 72 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पहली डोज दी जा चुकी है. 15 वर्ष आयु सीमा के भी 83 हजार से अधिक विद्यार्थियों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगा दिया गया है.
* अभी भी पालक डरे?
दोनों ही आयु सीमा में बच्चों को को-वैक्सिन और कार्बोवैक्स के टीके लगाये जा रहे. वहीं 12 वर्ष आयुसीमा में बुलढाणा में सबसे कम 27 हजार विद्यार्थियों का टीकाकरण हुआ है. वहां टीकाकरण का लक्ष्य 90 हजार से अधिक है. 15 वर्ष के 80 हजार से अधिक विद्यार्थियों को टीका लगाया गया है. दोनों डोज प्राप्त करने वाले 46 हजार विद्यार्थी हैं.