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शिकायतों का दौर हुआ शुरू
अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – शालाओें का शुल्क अदा किये बिना यूनिट टेस्ट के पेपर सबमीट नहीं किये जा सकेेंगे और अंतिम परीक्षा में नहीं बैठने दिया जायेगा. इस आशय की चेतावनी शहर की कई शालाओं ने अपने विद्यार्थियों के अभिभावकोें को दी है. जिसकी वजह से अब कई अभिभावक अच्छी-खासी दुविधा में फंस गये है और कई अभिभावकों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत भी दर्ज करायी है. ऐसे में अब शाला व्यवस्थापन व अभिभावकों के बीच तनावपूर्ण स्थिति देखी जा रही है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, परीक्षाओं के परिणाम पर ही विद्यार्थियों का शैक्षणिक वर्ष निर्भर करता है.
ज्ञात रहे कि, कोविड संक्रमण की वजह से उपजे हालात के चलते कई लोगोें की नौकरी खतरे में पड गयी और अनेकों का रोजगार चला गया. ऐसे में जैसे-तैसे रोजगार के साधन जुटाते हुए कई परिवार अपने परिवारों का भरनपोषण कर रहे है. किंतु निजी शालाओं में पढनेवाले अभिभावकों को संबंधित शाला व्यवस्थापन द्वारा अब कैची में पकडने का काम शुरू किया गया है. बार-बार नोटीस देने के बाद भी जब कई अभिभावक फीस अदा करने हेतु सामने नहीं आ रहे है, तो कई शालाओं ने विद्यार्थियों के पेपर लेने से ही इन्कार करा दिया और इस आशय की सूचना संबंधित अभिभावकोें को भेजी गयी है. जिसमें कहा गया है कि, जिन अभिभावकों द्वारा फीस अदा की जायेगी, उनके पाल्यों के ही पेपर सबमिट किये जायेंगे. शाला व्यवस्थापन द्वारा अपनायी गयी इस भुमिका के चलते अभिभावक हैरान व परेशान हो गये है. चूंकि कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से जारी शैक्षणिक वर्ष में शालाएं पूरी तरह से बंद है और ऑनलाईन शिक्षा दी जा रही है, अत: इस कारण को आगे करते हुए कई अभिभावकों ने फीस भरने में असमर्थता व्यक्त की है. साथ ही कई अभिभावकोें का कहना रहा कि, इस समय कोरोना संक्रमण काल की वजह से पहले की तरह रोजगार नहीं मिल रहा. ऐसे में बेहद अत्यल्प आय में परिवार चलाना पड रहा है. वहीं शालाओं द्वारा पुरे साल की फीस भरने का तगादा लगाया गया है. जिससे वे त्रस्त हो चले है.
उधर कई निजी शाला व्यवस्थापनों का कहना है कि, यद्यपि शालाएं बंद है, किंतु शालाओं में शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन क्लासेस ली जा रही है. ऐसे में शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन का भुगतान शालाओं को करना पड रहा है. इस हेतु शालेय शुल्क की वसूली होना आवश्यक है. जिसके लिए मौजूदा हालात को देखते हुए अभिभावकों को किश्तों में फीस अदा करने की सहूलियत दी गई है. किंतु बावजूद इसके कई अभिभावक फीस भरने के लिए तैयार नहीं है और फीस की रकम में छूट दिये जाने की मांग कर रहे है, जो किसी भी तरह से संभव नहीं है.
शालाओं द्वारा फीस वसूल करने में किसी भी तरह की कोई सख्ती न की जाये. ऐसे आदेश सरकार द्वारा दिये गये है. वहीं दूसरी ओर इस समय शालाएं बंद है और केवल ऑनलाईन शिक्षा शुरू है. इस वजह को आगे करते हुए कई अभिभावक फीस भरने के लिए भी तैयार नहीं है. ऐसे में शाला व्यवस्थापन व अभिभावकों के बीच हमेशा ही विवाद होते रहते है. अत: शिक्षक व पालक संघ की बैठक आयोजीत करते हुए कोई समाधान निकालना बेहद जरूरी है.
– ऐजाज खान
प्राथमिक शिक्षाधिकारी, जिप, अमरावती.