* इंसानों के साथ ही पक्षियों की जान बर्ड फ्लू से आयी थी खतरे में
* लॉकडाउन और परप्रांतियों के पलायन के बीच कोविड बीमा घोटाला भी
* चुनावों को लेकर भी रही गहमा-गहमी, आरोप-प्रत्यारोप के दौर रहे तेज
अमरावती/दि.25– वर्ष 2021 अब खत्म होने में ही है. देखते ही देखते समय के चक्र में 365 दिनों का फेरा पूरा कर लिया है और इसके साथ ही एक कैलेंडर वर्ष खत्म होने में है. ऐसे में बीतते वर्ष में घटित कुछ प्रमुख घटनाओं को याद किया जाना बेहद लाजमी है. क्योंकि हर वर्ष की तरह यह वर्ष भी कुछ खट्टी-मीठी यादें देकर जा रहा है. इससे पहले वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण की पहली लहर ने कहर ढाया था, वहीं जारी वर्ष 2021 में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर आयी और इसमें पहली लहर की तुलना में कई गुना अधिक कहर ढाया. इसका संकेत वर्ष 2021 के पहले दिन 1 जनवरी को ही मिल गया था, जब अक्तूबर, नवंबर, दिसंबर 2020 के दौरान धीरे-धीरे कोविड संक्रमितों की संख्या कम हो रही थी, वहीं 1 जनवरी 2021 को नववर्ष के पहले ही दिन एक साथ 100 लोगों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी थी और यहां से कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का सिलसिला शुरू हुआ. जो जनवरी माह बीतते-बीतते तेज हो गया तथा अगले छह माह के दौरान हजारों की तादाद में लोगबाग कोविड संक्रमण की चपेट में आये. जिनमें से सैंकडों की मौतें हुई. ऐसे में लंबे समय तक हालात को नियंत्रित करने हेतु लॉकडाउनवाली स्थिति रही. साथ ही परप्रांतिय मजदूरों ने पलायन करना भी शुरू किया.
बीते वर्ष में जहां एक ओर इंसान कोविड संक्रमण से जूझ रहे थे, वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्ल्यू के संक्रमण का खतरा फैलने की वजह से पक्षियों की जान भी सांसत में आ गई थी. इस दौरान कोविड टीकाकरण अभियान बडे जोर-शोर से शुरू किया गया. इसे लेकर तमाम तरह की बातें भी उछाली गई. वहीं इन तमाम विपरित हालात के बीच किसी न किसी मसले को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा. जिसके तहत सबसे जबर्दस्त गहमा-गहमी जिला बैंक के चुनाव को लेकर रही. इसके अलावा साल बीतते-बीतते दो नगर पंचायतों के आम चुनाव व कुछ ग्राम पंचायतों के उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढी.
इसके अलावा भी अन्य कुछ घटनाएं ऐसी रही, जिन्हें वर्ष 2021 की यादगार व अविस्मरणीय घटनाएं कहा जा सकता है.
– जनवरी
1 जनवरी – नये साल के पहले ही दिन 100 कोविड संक्रमित मिले.
2 जनवरी – पेट्रोल व डीजल की दरों में भारी उछाल, पेट्रोल 91.72 पर पहुंचा था.
4 जनवरी – वरिष्ठ स्वाधीनता सेनानी माणिकराव मोरे काका का निधन.
4 जनवरी – कोविड मृतकों की संख्या 400 पर पहुंची. संक्रमितों का आंकडा 20 हजार पर पहुंचा
5 जनवरी – प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कॉलेज को लेकर हंगामा. सिंधुदूर्ग ट्रान्सफर किये जाने का आरोप. भाजपा व राकांपा आमने-सामने.
6 जनवरी – जिला मराठी पत्रकार संघ की अभ्यासिका व ई-लाईब्रेरी उद्घाटित.
15 जनवरी – बर्ड फ्ल्यू का खतरा बढा, 15 कौवे अकस्मात मृत.
15 जनवरी – कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की पहली खेप अमरावती पहुंची. को-वैक्सीन के 2 हजार व कोविशिल्ड के 17 हजार डोज पहुंचे.
16 जनवरी – कोविड टीकाकरण अभियान शुरू. जिले में पांच केंद्रों पर 500 टीके लगे.
29 जनवरी – लॉकडाउन के चलते दस माह के अंतराल पश्चात अंबा एक्सप्रेस पहली बार अमरावती से मुंबई रवाना.
– फरवरी
5 फरवरी – एक ही दिन में 233 कोविड संक्रमित मिले, पांच माह का रिकॉर्ड टूटा.
6 फरवरी – 199 की रिपोर्ट आयी पॉजीटीव.
8 फरवरी – तलेगांव की युवती ने युपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने का किया था दावा. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों करवाया था सत्कार. बाद में आयएएस बनने का यह दावा निकला झूठा
13 फरवरी – विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले तत्कालीन वनमंत्री संजय राठोड विवाद में फंसे. टिकटॉक स्टार पूजा चव्हाण की आत्महत्या का मामला.
16 फरवरी – संजय राठोड का वनमंत्री पद से इस्तीफा.
18 फरवरी – श्मशान भूमि हुई हाउसफुल्ल. एक ही दिन में 24 शवों का हुआ अंतिम संस्कार.
19 फरवरी – सुप्रीम कोर्ट ने जिला बैंक का चुनाव कराये जाने को दी हरी झंडी.
19 फरवरी – जिले में 14 कोविड सेंटर फिर किये गये शुरू. शहर में रात्रीकालीन कर्फ्यू किया गया लागू.
22 फरवरी – अमरावती व अचलपुर में कोविड के बढते संक्रमण की वजह से आठ दिनों का लॉकडाउन. परप्रांतिय मजदूरों का पलायन हुआ शुरू.
23 फरवरी – कोविड संक्रमण के चलते एक दिन में 19 मौतेें, एक सप्ताह में हुई थी 50 मौतेें. जिप सदस्य प्रकाश साबले ने लगाया था कोविड बीमा घोटाले को लेकर आरोप
27 फरवरी – भानखेडा को बर्ड फ्ल्यू संक्रमित क्षेत्र किया घोषित. 30 हजार मुर्गियां एकसाथ मार दी गई.
– मार्च
1 मार्च – एक ही दिन में 30 कोविड संक्रमितों की मौत.
3 मार्च – विधायक प्रकाश भारसाकले को मिला धमकीभरा पत्र, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर हुआ तेज.
6 मार्च – शहर सहित जिले में लॉकडाउन खत्म. दो निजी कोविड अस्पतालों पर पडा छापा, ओवर चार्जींग का आरोप. शिवसेना नेता दिनेश नाना वानखडे का निधन.
11 मार्च – एमपीएससी परीक्षा रद्द होने से संतप्त छात्रों का पंचवटी पर हंगामा. भाजपा नेता अनिल बोंडे व थानेदार चोरमले के बीच ‘हमरी-तुमरी’.
11 मार्च – भाजपा पार्षद सचिन रासने मनपा के स्थायी समिती सभापति निर्वाचित.
22 मार्च – सांसद नवनीत राणा ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत सहित सेना पदाधिकारियों पर लगाया धमकी देने का आरोप. राजनीतिक माहौल गरमाया.
– अप्रैल
3 अप्रैल – ग्रामीण पुलिस के पांच अधिकारी व 14 कर्मचारी कोविड संक्रमित मिले.
5 अप्रैल – अमरावती सहित समूचे राज्य में विक एन्ड लॉकडाउन लागू. व्यापारियों व नागरिकों ने जताया विरोध.
7 अप्रैल – सरोज चौक पर 70 साल पुरानी इमारत ढही.
8 अप्रैल – निजी डॉक्टर पर कोविड डेथ सर्टिफिकेट के लिए पैसे मांगने का आरोप.
16 अप्रैल – जिला बैंक में 700 करोड रूपयो के म्युच्युल फंड निवेश का मामला आया सामने. आरोप-प्रत्यारोप हुए शुरू.
17 अप्रैल – एक ही दिन के दौरान 799 लोगों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव. खाद्य तेल के दामों में जबर्दस्त उछाल. सोयाबीन तेल 150 रूपये के पार.
19 अप्रैल – शहर में 38 नये कंटेनमेंट झोन बनाये गये. संक्रमितों की संख्या लगातार बढी.
20 अप्रैल – जिला बैंक का चुनावी कार्यक्रम घोषित. 21 संचालकों के लिए चुनाव करवाने का निर्णय.
23 अप्रैल – जिला बैंक के म्युच्युअल फंड घोटाले को लेकर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज.
24 अप्रैल – कोविड महामारी के चलते 11 ट्रेने रद्द. तखतमल मार्केट में 11 दुकाने सील.
29 अप्रैल – दो बोगस डॉक्टरों के इलाज से दो मरीजों की मौत. दोनों डॉक्टर गिरफ्तार.
– मई
8 मई – जिले के 14 तहसीलों में 107 गांव सील.
12 मई – सुपर कोविड अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा रेमडेसिविर की कालाबाजारी का मामला उजागर. डॉक्टर सहित 6 गिरफ्तार. जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव स्थगित.
26 मई – शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह वैश्विक स्तर पर छायी. दुबई व युएई के खलीज टाईम्स ने ली कामों की दखल.
-जून
9 जून – भाजयुमो ने विद्यापीठ गेट को ठोंका ताला.
15 जून – जिला बैंक से संबंधित 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज.
17 जून – डॉ. सुनील देशमुख भाजपा छोडकर दुबारा कांग्रेस में लौटे.
18 जून – बेस्ट हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद जबर्दस्त तोडफोड.
19 जून – साईनगर में तेंदुआ दिखाई देने की अफवाह.
23 जून – अमरावती आरटीओ को मिले 6 इंटरसेप्टर वाहन.
25 जून – नवाथे मल्टीप्लेक्स को लेकर मनपा में भिडे सत्ताधारी और विपक्षी दल.