‘सुपर’ में पहली मायक्रोवस्क्यूलर डिकम्प्रेशन शस्त्रक्रिया
मस्तिष्क से संबंधित इस बीमारी में चेहरे पर होती है विद्युत प्रवाह के जैसी वेदना
अमरावती/दि.28– स्थानीय सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में सोमवार को मस्तिष्क से संबंधित रही मायक्रोवस्क्यूलर डिकम्प्रेशन शस्त्रक्रिया सफल रुप से की गई. अस्पताल की यह पहली शस्त्रक्रिया थी. इस शस्त्रक्रिया के कारण धारणी के 55 वर्षीय मरीज को उसके चेहरे पर होनेवाली तीव्र वेदना से कायम की राहत मिली है.
सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में कैंसर, हृदयरोग, ब्रेन ट्यूमर, छोटे बच्चों की शस्त्रक्रिया, किडनी प्रत्यारोपण आदि विविध शस्त्रक्रिया की जा रही है. ऐसे में अब यहां मस्तिष्क से संबंधित मायक्रोवस्क्यूलर डिकम्प्रेशन यह शस्त्रक्रिया भी की गई है. जिले के धारणी तहसील का एक मरीज इस अस्पताल में चेहरे पर होनेवाली वेदना के कारण उपचार के लिए भर्ती हुआ था. इस मरीज की जांच करने पर उस पर शस्त्रक्रिया करने का निर्णय डॉक्टरों ने लिया. अनेक बार ऐसी बीमारी में मरीज पर शुरुआत में औषधोपचार से ठीक करने के प्रयास किए जाते है. ट्रायजेमायनल कुछ बार मरीजो को शस्त्रक्रिया का पर्याय दिया जाता है. इसमें की यह एक मुख्य शस्त्रक्रिया है. इस शस्त्रक्रिया के कारण मरीज को होनेवाली वेदना से राहत मिलती है और पूरी तरह ठीक किया जाता है. इस बीमारी में मरीज को चेहरे पर अचानक विद्युत प्रवाह जैसी तीव्र वेदना होती है. विशेषत: नाक के पास, होंठ, आंखे और कान के पास यह तकलीफ अधिक होने से वह असह्य हो जाती है. अस्पताल के एमएस डॉ. अमोल नरोटे और ओएसडी डॉ. मंगेश मेंढे के मार्गदर्शन में न्यूरो सर्जन डॉ. योगेश सावदेकर, डॉ. अमोल ढगे, डॉ. अभिजीत बेले, बधिरीकरण तज्ञ डॉ. बालकृष्ण बागवाले, डॉ. दीपाली देशमुख, आरएमओ डॉ. माधव ढोपरे ने यह शस्त्रक्रिया की. परिचारिका दीपाली देशमुख, मनीष रामटेके, निलिमा तायडे, निकिता पाझरे, आकाश काले, वेदांत इंदुरकर ने शस्त्रक्रिया में सहायता की.
* 12 मज्जातंतू में सबसे बडा मज्जातंतू
मनुष्य के कंकाल से निकलनेवाले 12 मज्जातंतू में यह 5 वें नंबर का सबसे बडा मज्जातंतू माना जाता है. यह शाखा मस्तष्क के सामने के भाग को संवेदना पहुंचाने का काम करती है. गाल, जबडा, होंठ, उपरी दात तथा नाक के पास संवेदना पहुंचाती है.