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हम पर आरोप लगाने वाले पहले अपने गिरेबान में झांकें

पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने ठाकरे गुट को लिया आडे हाथ

* शिवसेना के नाम व चुनावी चिन्ह का शिंदे गुट को बताया असली दावेदार
* अपने निवास पर शिंदे गुट के पदाधिकारियों की बैठक को किया संबोधित
अमरावती/दि.30 – जिस तरह देश को सन 1947 में आजादी मिली थी. लेकिन आजादी की पहली चिंगारी इससे 90 वर्ष पूर्व 1857 में भडकी थी. उसी तरह भले ही शिवसेना में जून 2022 के दौरान बगावत हुई. लेकिन पार्टी नेतृत्व के खिलाफ असंतोष की चिंगारी इससे 2-सवा 2 वर्ष पहले ही भडक चुकी थी और खुद मैंने उस समय यह दावा किया था कि, बहुत जल्द पार्टी के 35 से 40 विधायकों द्बारा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की जा सकती है. यह बात आगे चलकर जून 2022 में पूरी तरह से सही साबित हुई. क्योंकि अपने अहंकार और सत्ता के नशे में चूर पार्टी के नेतृत्व ने उस समय उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया था. इस आशय का दावा करने के साथ ही शिंदे गुट वाली शिवसेना से वास्ता रखने वाले पूर्व विधायक कैप्टन अभिजीत अडसूल ने कहा कि, आज शिवसेना के दो तिहाई विधायक तथा 18 में से 13 सांसद शिंदे गुट यानि बालासाहब की शिवसेना पार्टी के साथ है और चूंकि लोकतंत्र में संख्याबल के आधार पर ही फैसले होते है. अत: शिंदे गुट ही असली शिवसेना है तथा शिवसेना के चुनावी चिन्ह धनुष्यबाण पर भी शिंदे गुट का ही हक बनता है.
लंबे समय बाद आज अमरावती पहुंचे पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने नवसारी परिसर स्थित अपने निवासस्थान पर समूचे जिले से आए शिंदे गुट के महिला व पुरुष पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया. इस बैठक में उद्धव ठाकरे गुट की ओर सेे शिंदे गुट पर गद्दारी को लेकर लगाए जाने वाले आरोपों को बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने कहा कि, ढाई वर्ष पहले शिवसेना के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के विचारों व सिद्धांथों की अनदेखी करते हुए केवल सत्ता के लिए भाजपा से गठबंधन तोडकर कांग्रेस व राकांपा से हाथ मिलाया था. यह बात हिंदूत्व की विचारधारा पर विश्वास रखने वाले कई सेना विधायकों को पसंद नहीं आयी. लेकिन इसके बावजूद वे मजबूरी में चुप रहे गए. इसके बाद मुख्यमंत्री पद की कुर्सी हासिल करने वाले उद्धव ठाकरे ने कोविड की आड लेकर खुद को अपने घर में बंद कर लिया और वे फेसबुक के जरिए राज्य की सरकार चला रहे थे. साथ ही उस दौरान वित्तीय चक्र को गति देने वाले मंदिर, मस्जिद, गुरुद्बारे व चर्च जैसे धार्मिक स्थलों को जानबूझकर लंबे समय तक बंद रखा गया. उस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आसपास केवल 2-3 लोगों का जमावडा रहा करता था. जिनके अलावा उद्धव ठाकरे पार्टी के किसी मंत्री, विधायक व पदाधिकारी से नहीं मिला करते थे. साथ ही पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई भी नहीं हुआ करती थी. जिसकी वजह से पार्टी में लगातार असंतोष पनप रहा था. जिसका परिणाम जून 2022 में दिखाई दिया.
इस समय पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने यह भी कहा कि, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई में शिवसेना के 40 विधायकों द्बारा उठाए गए कदम को लेकर स्व. बालासाहब ठाकरे के प्रति आस्था रखने वाले शिवसैनिकों सहित आम भारतीयों में खुशी का माहौल है. यहीं वजह है कि, आज सीएम एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में भी सम्मान मिल रहा है. सीएम एकनाथ शिंदे को बडे दिलवाला व्यक्ति बताते हुए पूर्व विधायक अडसूल ने कहा कि, शिंदे साहब पार्टी के प्रत्येक व्यक्ति एवं आम जनता के लिए हमेशा सहज तरीके से उपलब्ध रहते है और प्रत्येक व्यक्ति की समस्या को हल करने का प्रयास करते है. यहीं वजह है कि, बेहद कम समय में शिंदे साहब की विश्वसनीयता और ताकत बढी है. अत: बालासाहब की शिवसेना पार्टी के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने किसी भी तरह की गुटबाजी या आपसी प्रतिस्पर्धा के चक्कर में फंसे बिना पूरी तरह से एकजूट होकर पार्टी की ताकत बढाने और पार्टी को स्थानीय निकायों के आगामी चुनाव में जीत दिलाने के लिए अभी से काम में जुट जाना चाहिए.
इस अवसर पर पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल के साथ ही बालासाहब की शिवसेना के जिला प्रमुख अरुण पडोले व गोपाल अरबट, युवा जिला प्रमुख प्रविण विधाते, युवा संपर्क प्रमुख निशांत हरणे, महानगर प्रमुख संतोष बद्रे, महिला जिला प्रमुख अरुणा इंगोले सहित प्रीति साहू, माया देशमुख व जया चांडक आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे. इस समय शिवसेना बालासाहब ठाकरे पार्टी में प्रवेश करने वाले मनसे पदाधिकारियों व सैनिकों सहित नांदूरा पिंगलाई ग्राम पंचायत की सरपंच विजयता खडसे व ग्रापं सदस्य श्रीमती पेंदाम, रत्ना पाटील, शितल अलोणे, छाया इंद्रावणे, छाया भुजाडे, जयश्री कडू, कल्पना नाकडे, हितेश शर्मा, सुरेश गरडे एवं पूर्व शिक्षक गजानन कात्रे का पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल के हाथों पार्टी में स्वागत करने के साथ ही सत्कार किया गया.

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