अमरावती

परमिट रुम में भी शराब पर लगाया जाए फस्ट प्वॉईंट टैक्स

बार एण्ड रेस्टारेंट एसो में वैट कर वृद्धि का किया विरोध

* जिलाधीश को कर वृद्धि के खिलाफ सौंपा ज्ञापन
अमरावती/दि.26– राज्य के सभी बार व परमिट रुम धारक व्यवसायी पहले ही भारी भरकम करों से त्रस्त है. वहीं अब सरकार ने आगामी 1 नवंबर से वैट कर में 5 फीसद वृद्धि करते हुए 5 की बजाय 10 फीसद वैट टैक्स भरने का आदेश जारी किया है. जो परमिट रुम धारकों के लिए पूरी तरह से अन्याय कारक है. अत: बार व परमिट रुम हेतु की गई वैट टैक्स वृद्धि को वापिस लिया जाए, इस आशय की मांग का ज्ञापन अमरावती बार, होटल एण्ड रेस्टारेंट एसो द्वारा जिलाधीश को सौंपा गया.

इस ज्ञापन में कहा गया कि, शराब विक्री करने वाले वाइन शॉप पर किसी भी तरह का वैट टैक्स नहीं लगाया जाता. वहीं बार व परमिट रुम में शराब विक्री पर 10 फीसद वैट टैक्स लगाने का निर्णय लिया गया है. जिसकी वजह से परमिट रुम में शराब काफी अधिक महंगी हो जाएंगी. जिसका सीधा परिणाम बार व परमिट रुम के व्यवसाय पर पडेगा. इसके तहत लोगबाग परमिट रुम में आने की बजाय वाइन शॉप से शराब खरीदकर किसी भी ढाबे, रास्ते के किनारे लगने वाली हाथगाडी अथवा सार्वजनिक स्थान सहित चलती गाडी में बैठकर शराब का सेवन करेंगे. जिससे कानून व व्यवस्था के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है.

इससे सरकार को कोई फायदा तो नहीं होगा, बल्कि परमिट रुम का नुकसान जरुर होगा. जिसके चलते कई परमिट रुम बंद भी हो सकते है. इससे भी सरकारी राजस्व डूबेगा, ऐसे में जिस तरह देशी शराब की दुकानों व वाइन शॉप पर फस्ट प्वॉईंट पर टैक्स लगाया जाता है. उसी तरह परमिट रुम में होने वाली विदेशी शराब की आपूर्ति पर भी फस्ट प्वॉईंट पर टैक्स लगाया जाना चाहिए. जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होने के साथ ही परमिट रुम धारकों को राहत मिलेगा. ज्ञापन सौंपते समय अमरावती बार, होटर व रेस्टारेंट एसो के अध्यक्ष गजानन राजगुरे व महासचिव सुदेश चांदवाणी उपस्थित थे.

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