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शैक्षणिक क्षेत्र का अकाउंट्स व स्टैटीक्स दुरुस्त करना पहली प्राथमिकता

अभ्यास मंडल में निर्वाचित डॉ. सोनल चांडक का कथन

* लेखा व सांख्यिकी अभ्यास मंडल में हुआ है निर्वाचन
* निर्वाचन के साथ ही डॉ. चांडक ने रचा इतिहास
* पहली बार किसी महिला ने की है जीत दर्ज
अमरावती /दि.25- अमरावती संभाग हमेशा से ही औद्योगिक व व्यापारिक गतिविधियों के लिए विख्यात रहा है और इस क्षेत्र में वाणिज्यिक कामकाज के लिए अपार संभावनाएं रही है. किंतु दुर्भाग्य से हम इस क्षेत्र की जरुरतों को पूरा करने के लिए वाणिज्य शाखा की पढाई-लिखाई की ओर कभी उस तरीके से गंभीर नहीं रहे. जैसा हमने होना चाहिए था. ऐसे में लंबे समय तक वाणिज्य संकाय उपेक्षित व अनदेखा रह गया. साथ ही इसे ‘टेकन एज ग्रान्टेड’ लिया गया. परंतु मौजूदा दौर में अमरावती संभाग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कॉमर्स स्ट्रीम को लेकर स्थिति व नजरीए में सुधार हुआ है. ऐसे मेें बहुत जरुरी है कि, हम ग्रास रुट लेवल यानि जमीनी स्तर पर वाणिज्य शाखा की पढाई को चूस्त दुरुस्त करने का काम करें. यहीं काम मैं अमरावती संभाग के लिए संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के लेखा व सांख्यिकी अभ्यास मंडल की सदस्य के तौर पर करुंगी और मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि, अमरावती संभाग में वाणिज्य शाखा के अकाउंट्स व स्टैटीक्स को दुरुस्त किया जाए. इस आशय का प्रतिपादन संगाबा अमरावती विद्यापीठ के अभ्यास मंडल चुनाव में लेखा व सांख्यिकी विभाग से विजयी रहने वाले प्रा. डॉ. सोनल चांडक ने किया.
विशेष उल्लेखनीय है कि, संगाबा अमरावती विद्यापीठ की स्थापना से लेकर अब तक अभ्यास मंडल के लेखा व सांख्यिकी विभाग में सदस्यों की नियुक्ति मनोनयन के आधार पर होती रही है और यह पहली बार हुआ है जब इस अभ्यास मंडल में लेखा व सांख्यिकी विभाग के सदस्य का चयन निर्वाचन पद्धति के जरिए हुआ है. इसके साथ ही इस विभाग में किसी महिला का मतदान के जरिए निर्वाचन होने का भी यह पहला अवसर है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, लेखा व सांख्यिकी विभाग से अभ्यास मंडल में पहुंचने के साथ ही प्रा. डॉ. सोनल चांडक ने दोहरा इतिहास रच दिया है.
बता दें कि, प्रा. डॉ. सोनल चांडक विगत करीब 34 वर्षों से अध्यापन के क्षेत्र में है. इससे पहले उन्होंने शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी. वहीं वे इस समय श्रीमती केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय में लेखा व सांख्यिकी विभाग प्रमुख के तौर पर कार्यरत है और इसी विभाग के अभ्यास मंडल में शामिल होने हेतु उन्होंने पहली बार चुनाव लडा. जिसमें उन्हें शानदार सफलता भी मिली. यानि अमरावती संभाग के सभी वाणिज्य महाविद्यालयों में कार्यरत वाणिज्य शाखा के विभाग प्रमुखों ने प्रा. डॉ. सोनल चांडक के अध्यापन संबंधी कौशल व नेतृत्व क्षमता पर अपना भरोसा जताया.
खुद को मिली इस सफलता से बेहद अभिभूत प्रा. डॉ. सोनल चांडक ने दै. अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए कहा कि, मौजूदा दौर एवं बदलते परिवेश मेें वाणिज्य शाखा के विद्यार्थियों हेतु अपार संभावनाएं है. जिसके लिए बेहद जरुरी है कि, वाणिज्य शाखा में आमूलचूल बदलाव एवं संशोधन किये जाए और पढाने के परंपरागत तरीके में सुधार किया जाए. ताकि वाणिज्य शाखा को अधिक से अधिक रोजगार सक्षम व कौशल्य आधारित बनाया जा सके. साथ ही साथ विद्यार्थियों को स्वयं रोजगार के लिहाज से तैयार किया जा सका. इसके लिए बेहद जरुरी है कि, केंद्र सरकार द्बारा तैयार की गई नई शिक्षा नीति पर प्रभावी रुप से अमल हो और यूजीसी द्बारा सुझाये गए पसंद आधारित शिक्षा यानि चॉईस बेस्ड एज्यूकेशन को क्रियान्वित किया जाए. तभी शिक्षा के क्षेत्र में आमूलाग्र बदलाव दिखाई देगा. इसके लिए पाठ्यक्रमों यानि सिलेबस को नये सिरे से फ्रेमिंग व रिस्ट्रक्चर किये जाने की जरुरत है.
प्रा. डॉ. सोनल चांडक ने अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में बताते हुए कहा कि, इसी भी विश्वविद्यालय में अभ्यास मंडल ही वह जगह होती है. जहां पर पाठ्यक्रमों व प्रश्नों पत्र के स्वरुप व जरुरत पर काम होता है. साथ ही सिलेबस व पेपर सेटींग को तय करने के साथ ही अमल में लाई जाने वाली मूल्यांकन पद्धति भी तय की जाती है. यानि एक तरह से विद्यापीठ के जरिए विद्यार्थियों को संबंधित पाठ्यक्रम के तहत क्या पढाया जाएगा. इसे लेकर अभ्यास मंडल ने भी जमीनी स्तर पर काम होता है. जिस पर आगे चलकर विद्यापीठ के विभागों एवं विद्यापीठ से संलग्नित महाविद्यालयों में अमल होता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विविध शाखाओं की अभ्यास मंडलों पर ही पाठ्यक्रमों को लेकर सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है और वे अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
इस बातचीत में प्रा. डॉ. सोनल चांडक ने संभाग के सभी लेखा व सांख्यिकी तथा वाणिज्य विभाग प्रमुखों के प्रति अपने निर्वाचन हेतु आभार ज्ञापित करने के साथ ही श्रीमती केशरबाई लाहोटी कॉलेज के प्रबंधन एवं श्री गणेशदास राठी छात्रालय समिति के संचालक मंंडल के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की. साथ ही उम्मीद जताई कि, अभ्यास मंडल सदस्य के तौर पर काम करते समय उन्हें विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे व प्र-कुलगुरु डॉ. विजयकुमार चौबे सहित विद्यापीठ प्रशासन तथा अधिसभा व विद्बत परिषद सदस्यों से बेहतरीन सहयोग मिलेगा और वे संभाग के शिक्षा क्षेत्र का अकाउंट्स व स्टैटीक्स चूस्त दुरुस्त करने में निश्चित रुप से सफलता प्राप्त करेंगी.

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