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पहली बारिश ने खोल दी एपीएमसी की पोल

बडे पैमाने पर भीगा किसानों का अनाज, जमकर हुआ नुकसान

अमरावती/दि.18– स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिती में हमेशा ही बारिश के मौसम दौरान खुले में रखे जानेवाले किसानों का अनाज बडे पैमाने पर भीगता है. जिसकी वजह से किसानों का हर साल काफी नुकसान भी होता है. जिसके चलते हर साल ही फसल मंडी में लायी जानेवाली किसानों की उपज को सुरक्षित रखने हेेतु शेड की सुविधा उपलब्ध कराये जाने और मंडी परिसर में पहले से बनाकर तैयार किये गये शेड में व्यापारियों की बजाय किसानों का माल रखे जाने की बातें की जाती है, लेकिन ऐसा कभी भी होता नहीं है. जिसकी वजह से हर बार ही बारिश के मौसम में खुले में रखा अनाज भीग जाने की वजह से किसानों का काफी बडा नुकसान होता है. कुछ ऐसी ही स्थिति फसल मंडी में आज भी दिखाई दी, जब सुबह 11 बजे के आसपास अचानक ही समूचे शहर में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. जिसकी वजह से मंडी परिसर के भीतर खुले में रखा अनाज भीग गया. जिसके चलते किसानों के हितों को लेकर बडे-बडे दावे करनेवाले मंडी प्रशासन की असलियत एक बार फिर उजागर हो गई. जिसे लेकर किसानों में काफी रोष व संताप देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय खरीफ फसलों की बुआई का सीझन शुरू होने में है. जिसके चलते किसानों को बुआई संबंधी कामों पर खर्च करने हेतु पैसों की सख्त जरूरत है. ऐसे में किसानोें द्वारा अपने घर पर स्टॉक करके रखी गई रबी फसलों की उपज को बेचने हेतु फसल मंडी में लाया गया है, ताकि थोडी-बहुत आमदनी हो जाये. लेकिन मंडी प्रशासन की अक्षम्य लापरवाही के चलते खुले में रखी गई किसानों की उपज बारिश में भीग गई है. जिससे अब उन्हेें अपनी उपज के ऐवज में अपेक्षित दाम नहीं मिलनेवाले. ऐसे में किसानोें को ऐन बुआई के समय अच्छी-खासी आर्थिक दिक्कतोें का सामना करना पड सकता है.

* … तो प्रहार स्टाईल में सीखायेंगे सबक
इस पूरे मामले को लेकर अपना रोष प्रकट करते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी रोशन देशमुख द्वारा कहा गया कि, इससे पहले प्रहार संगठन द्वारा मंडी प्रशासन को अनेकों बार कृषि उपज को रखने हेतु शेड की व्यवस्था करने के लिए कहा जा चुका है. किंतु मंडी प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में अब मंडी प्रशासन को प्रहार की स्टाईल में सबक सीखाया जायेगा, क्योंकि इसके बिना प्रशासन की नींद नहीं खुलेगी. रोशन देशमुख ने यह भी कहा कि, प्रशासन की कुंभकर्णी नींद की वजह से किसानों का अनाज हर साल खुले आसमान के नीचे बारिश में भीगता है और किसानों का बडे पैमाने पर नुकसान होता है. जिसके लिए पूरी तरह से मंडी प्रशासन ही जिम्मेदार है.

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