पहले इस्तीफा दो, फिर हमारे खिलाफ चुनाव लडकर दिखाओ
सेना पदाधिकारियों ने दी सांसद नवनीत राणा को चुनौती
अमरावती/दि.9– गत रोज मुंबई के लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज मिलने के तुरंत बाद जिले की सांसद नवनीत राणा ने बेहद आक्रामक भूमिका अपनाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को जनता के बीच से विधानसभा चुनाव लडने और चुनाव जीतने की चुनौती दी थी. जिसके बाद अब शिवसेना की ओर से भी पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रियाएं दी जा रही है. जिसमें शिवसेना पदाधिकारियों द्वारा सांसद नवनीत राणा पर अमरावती जिले के मतदाताओं के साथ धोखाधडी व विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि, सांसद नवनीत राणा पहले अपने पद से इस्तीफा दें और अमरावती में किसी सामान्य शिवसैनिक के खिलाफ ही कोई चुनाव जीतकर दिखाये. उसके बाद शिवसेना के पार्टी प्रमुख व राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को चुनौती देने के बारे में सोचे.
अमरावती निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं, विशेषकर बौध्द एवं मुस्लिम मतदाताओं ने नवनीत राणा को बडे विश्वास के साथ मतदान किया था. किंतु भाजपा के खिलाफ चुनाव लडनेवाली नवनीत राणा ने सांसद निर्वाचित होते ही अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भाजपा का ही दामन थाम लिया और चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी व भाजपा के लिए अपशब्दों का प्रयोग करनेवाली नवनीत राणा ने अब मोदी व भाजपा का गुनगान करना शुरू किया है. साथ ही सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में राज्य के मुख्यमंत्री व शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के खिलाफ बेवजह की बयानबाजी कर रही है, लेकिन सीएम ठाकरे से पहले राणा दम्पत्ति ने हमसे पंगा लेकर देख लेना चाहिए और यदि उनमें वाकई दम है, तो नवनीत राणा को चाहिए कि, वे सांसद पद से इस्तीफा देकर हमारे खिलाफ चुनाव लडकर दिखाये.
– सुनील खराटे
जिला प्रमुख, शिवसेना
सांसद नवनीत राणा द्वारा शिवसेना के पार्टी प्रमुख का नाम लेकर चुनौती देना केवल राजनीतिक स्टंटबाजी है और राणा दम्पत्ति को स्टंटबाजी करने के अलावा और कुछ आता भी नहीं है. यह बात अमरावती की जनता को बहुत अच्छे से पता भी है. जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवानेवाले लोग शिवसेना के पार्टी प्रमुख को चेतावनी दे रहे है. इससे अधिक हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है. यह नहीं भूलना चाहिए कि, अदालत ने राणा दम्पति को जमानत देते समय मीडिया के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने से मना किया था. किंतु अब खुद नवनीत राणा ने इस शर्त का उल्लंघन किया है. इस बात की ओर अदालत ने गंभीरतापूर्वक ध्यान देना चाहिए और उनकी जमानत रद्द करनी चाहिए.
– पराग गुडधे
महानगर प्रमुख, शिवसेना