तपोवन को प्रथम राज्य स्तरीय जहांगीरदार पुरस्कार की घोषणा
76 वर्षों में 70 हजार उपेक्षित लोगों के पुनर्वास कार्य का गौरव
अमरावती/दि.4-भगवान मंदिर नहीं, भगवान नहीं देवालय… इस मानवतावादी मंत्र को आत्मसात करते हुए डॉ. शिवाजीराव उपाख्य दाजीसाहेब पटवर्धन ने समाज द्वारा अस्वीकृत लोगों को आत्मनिर्भर जीवन जीने में सक्षम बनाने, उनके व्यक्तित्व और उपलब्धियों को पहचान दिलाने के लिए 1950 में अमरावती शहर के बाहर विदर्भ महारोगी सेवा मंडल तपोवन की स्थापना की. पिछले 76 वर्षों से बेसहारों का सहारा बनी तपोवन संस्था ने आजतक 70 हजार से अधिक वंचित लोगों का पुनर्वास कर उन्हें समाज में आत्मसम्मान दिलाया है. इस चल रहे पुनर्वास कार्य के सम्मान में, विदर्भ महारोगी सेवा मंडल तपोवन संस्था को महाराष्ट्र के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. डी.वी. जहांगीरदार की ओर से उनके पिता कै. वेंकटेश ब्रह्मदेव जहांगीरदार की 125 वीं जयंती के अवसर पर तपोवन संस्था को सेवा गौरव पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
के. वेंकटेश ब्रह्मदेव जहांगीरदार एक गांधीवादी थे जिन्होंने मोर्शी, खामगांव में एक शिक्षक के रूप में कार्य किया। पत्र में पुरस्कार का स्वरूप बताया गया कि, सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले संगठनों या व्यक्तियों को 51 हजार रुपये और सम्मान पत्र दिया जायेगा. जहांगीरदार ने कहा कि, पद्मश्री डॉ. शिवाजीराव पटवर्धन का विदर्भ महारोगी सेवा मंडल तपोवन समर्पित, निस्वार्थ भावना से कार्य कर रहा है. इस कार्य पर संज्ञान लेते हुए संस्थान के अध्यक्ष डॉ. डॉ. सुभाष गवई को पुरस्कार पत्र जहांगीरदार दम्पति द्वारा प्रदान किया गया. इस अवसर पर सचिव सहदेव गोले, सहसचिव ऋषिकेश देशपांडे, उपाधीक्षक योगेश कार्डे, आंतरिक प्रबंधक भास्कर शेट्टी, निवृत्ति वेलकर, ट्रस्टी भीमराव ठवरे आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. नियामक समिति के सदस्य जुबिन दोटीवाल, विवेक मराठे, अश्विन आलसी, विद्याताई देसाई, भगवंत सिंह दलावारी ने खुशी जताई है.
दाजी साहब के सपनों को मिला बल
महान ऋषि दधीचि की तरह, जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, उसी प्रकार डॉ. शिवाजीराव उपाख्य दाजीसाहेब पटवर्धन ने तपोवन संस्था के माध्यम से मानवीय एकता का प्रतिनिधित्व किया. आज तपोवन संस्था का कार्य और भी व्यापक हो गया है. कै. वेंकटेश ब्रह्मदेव जहांगीरदार की 125 वीं जयंती के अवसर पर तपोवन संस्था को घोषित सेवा गौरव पुरस्कार तपोवन संस्था के कार्यों और दाजी साहब द्वारा देखे गए सपनों का सुदृढीकरण है. यह न केवल एक पुरस्कार है बल्कि तपोवन संस्थान के निरंतर चल रहे कार्य का सम्मान भी है.
-डॉ. सुभाष गवई, अध्यक्ष, तपोवन.