अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – राजनीतिक आरक्षण सबसे पहले बंद करने के साथ ही पिछडा वर्गिय समाज पर किये जा रहे अन्याय को दूर करने की मांग को लेकर आज बहुजन समाज पार्टी की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा है.
निवेदन में बताया गया कि राजनीतिक आरक्षण केवल 10 वर्षों का था. जिसमें बदलाव किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया है. इसलिए सबसे पहले राजनीतिक आरक्षण को बंद किया जाए, वहीं पिछडा वर्गिय पदोन्नति कोटे के 33 फीसदी पद रिक्त रखकर खुले प्रवर्ग के रिक्त पदों को 25 मई 2004 की सेवावरियता के अनुसार भरने का सरकार ने निर्णय लिया. इसके बाद 15 दिनों में दूसरा निर्णय जारी करते हुए पिछडा वर्गीय पदोन्नति का संवैधानिक आरक्षण गैरकानूनी तरीके से रद्द किया है. जिससे पिछडा वर्गियों में रोष उमड रहा है. निवेदन सौंपते समय बसपा के शहर उपाध्यक्ष उमेश मेश्राम, जिला संगठक महामंत्री प्रवीण गाडवे शहर संगठक महामंत्री जयदेव पाटील, किरण शहारे, सुरज भगत, वसंत धंदर, भगवान लोणारे, राहुल सोमकुवर, प्रमोद डोंगरे, भैय्यालालजी बडगे, किरण तायडे, राहुल ढोके, संदीप लोखंडे, जाफरभाई, सागर डहाके, बंटी वानखडे, शुभम सूर्यवंशी, श्रेयस माटे, कुणाल पासर, बाळा गणवीर, रोहित पछेल, तेजस गोसावी, अक्षय भालेकर, प्रवीण बनसोड, सुधाकर मोहोड, दिपक पाटील, निर्मलाताई बोरकर, साक्षी चिंचखेडे, विनय पहाळण, हरिश वानखडे, विक्की मेश्राम, राधेश्याम शेंडे, संतोष चव्हाण, निलेश गणवीर, स्वप्नील बनसोड, सौरभ गवई,सौरभ दाभाडे, दिपक काले, मयुर गजभिये, शेजल मेश्राम, गौरव सुरवाडे, सुधीर वर्धे, देवेंद्र कांबले, सुमित पुटके, रमेश इंगोले, मंगेश घरडे, प्रमोद शहारे आदि का समावेश रहा.