मछलीमार सहकारी संस्था को मिलेगी प्रति हेक्टेअर 10 हजार की सहायता
भोई समाज महासंघ की मांग हुई पूरी
* विधायक बच्चू कडू के प्रयास हुए सफल
अमरावती/ दि.3 – तालाब का पंजीयन, एनओसी का परिपत्र रद्द करने, इसी तरह मछलीमार सहकारी संस्था को अतिवृष्टि के कारण प्रति हेक्टेअर 10 हजार की सहायता देने यह दोनों मांगे मंजूर हो गई है. भोई समाज महासंघ ने यह अपनी मांग पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू के समक्ष रखी थी. उन्होेंने राज्य शासन की ओर लगाता प्रयास किये, जिसे सफलता मिली है. भोई समाज की मांग पूरी होने से आखिर उन्हेें न्याय मिला.
भोई समाज महासंघ की मांग के अनुसार 24 नवंबर 2021 के पत्र के कारण जिले के 15 मछली व्यवसाय सहकारी संस्था को तालाब प्रोजेक्ट नहीं मिले, ऐसी राज्य में 277 सहकारी संस्था है. इसके परिणाम स्वरुप जून, जुलाई माह में तालाब में मछली के बीज संचित करना था, परंतु अब तक बीज संचय नहीं कर पाये, इसके अलावा विदर्भ में जुलाई 2022 माह में अतिवृष्टि के कारण जून माह में जलाशय में संचय किये गए मछली बीज व उपलब्ध मछलियां बह गई. जिसके कारण बडे पैमाने में मछुआरों का नुकसान हुआ. इसके बाद भी किसी भी तरह का पंचनामा अब तक शासन व्दारा नहीं किया गया. शासन की ओर से इसके लिए 10 हजार रुपए की सहायता दी जाए, नुकसान हुए जलाशय की जानकारी जलसंपदा विभाग, लघु पाटबांधारे विभाग, जिला परिषद सिंचाई विभाग के पास अपडेट है. यह पूरी जानकारी जमा कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में विधायक बच्चू कडू बैठक आयोजित करे, ऐसी मांग 22 अगस्त को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से की गई थी.
इस बीच जिस मत्स्य व्यवसाय सहकारी संस्था का 3 अगस्त 2019 से पहले पंजीयन हुआ है, उन संस्था के उपविधि में संबंधित तालाब के कार्यक्षेत्र का उल्लेख है, ऐसे मछली व्यवसाय सहकारी संस्था का विभाग की एनओसी की जरुरत नहीं होगी, ऐसा शासन पुरक पत्र महाराष्ट्र शासन के आदेश से जारी किया गया.