* नांदगांव पेठ की धक्कादायक घटना
नांदगांव पेठ/दि.14- यहां के पंचतारांकित एमआइडीसी के कारखाने से निकलने वाला विघातक केमिकलयुक्त पानी का असर जलचर प्राणियों पर हो रहा है. जिससे बड़ी संख्या में मछलियां, केकडे, मेंढक व सांपों की मृत्यु होने का कयास व्यक्त किया जा रहा है.
दरमियान यह पानी दूषित होने का प्राथमिक अंदाज स्वास्थ्य विभाग ने लगाया है. जिसके चलते परिसर के गांववासियों की उपस्थिति में पंचनामा किया गया.
जलचर प्राणियों सहित नांदगांव पेठ के गांववासियों का स्वास्थ्य व खेतों की फसलों पर होने वाले दुष्परिणाम एवं मवेशियों को पीने के पानी से विषबाधा हो सकती है. गांववासियों का कहना है कि इससे सभी का स्वास्थ्य धोखे में है.
स्थानीय गांववासी कमरोदीन के खेत के किनारे यह प्रकार घटा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम व गांववासियों ने वाघली नाले की जांच की. इस समय उन्हें विषैले पानी में मछलियां व सांप मृत दिखाई दिये. जिसके चलते गांव के नागरिकों में भय का वातावरण निर्माण हुआ है.
* दूषित पानी बोर नदी प्रकल्प में
नांदगांव पेठ एमआइडीसी का पानी वाघली नाले के माध्यम से बोर नदी में जाकर बड़े पैमाने पर इस प्रकल्प में पानी जमा हो रहा है. जिसके चलते परिसर के बोअरवेल व कुओं के स्तर में वृद्धि हुई है. मात्र यदि इस प्रकल्प का पानी दूषित हुआ तो खेती का बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है.
* दूषित पानी बंद होना चाहिए
एमआइडीसी की कंपनियों से प्रवाहित होने वाला दूषित पानी यदि बंद नहीं हुआ तो नांदगांव पेठ परिसर के नागरिक, पालतु प्राणी व वन्य प्राणियों के स्वास्थ्य को धोखा निर्माण होगा. जिसके चलते नागरिकों को इसका गंभीर परिणाम सहन करना पड़ेगा. इसके लिए प्रशासन द्वारा सख्ती से दूषित पानी पर रोक लगाई जाए व दूषित पानी छोड़ने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग नागरिकों द्वारा की गई है.