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मायके से दहेज लाने का था आरोप
अमरावती प्रतिनिधि/दि.4 – बीते 18 जुलाई को विवाहित महिला ने घर में खूद को फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने के बाद पति समेत ससुराल के पांच सदस्यों के खिलाफ हत्या व दहेज के लिए प्रताडित करने के मामले में अपराध दर्ज कया था. इस मामले में न्यायालय ने गवाह व सबुतों की जांच पडताल करने के बाद पति समेत ससुराल के पांच आरोपियों को निर्दोष रिहा कर दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी बेटी वैशाली की शादी राजेश सावरकर के साथ साल 2009 में हुई थी. शादी के बाद आरोपियों ने वैशाली को मायके से दहेज लाने लिये शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडित करते थे. ससुरालवालों के अत्याचार से परेशान होकर वैशाली ने बीते 18 जुलाई को घर में ही खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. इस मामले में वैशाली के पिता ने ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दी थी. शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दफा 304ब, 34, 302 के तहत अपराध दर्ज किया था. इस मामले की सुनवाई के दरमियान न्यायालय के सामने कुल चार गवाहों के बयान दर्ज किये गए. बचाव पक्ष के वकील मिर्झा वसीम अहमद ने मामले की पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया कि आरोपियों पर लगाये गए सभी आरोप बेबुनियाद है, झूठे है और उन्हें बेफिजुल फसाया गया है, ऐसे गवाही पर सवाल उठाते हुए अहम मुद्दे न्यायालय के समक्ष उठाए गए तथा सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के दिशा निर्देशोें को न्यायालय के सामने रखा. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने पति समेत ससुराल के पांचों सदस्यों को बाईज्जत बरी कर दिया. इस मामले में एड.मिर्झा वसीम अहमद ने पैरवी की और उनका सहयोग किया एड. आशिष चौबे ने.