अमरावती

रोजाना दौड रही पांच बस फेरियां

यात्री भी बतला रहे वहीं घिसे पिटे कारण

अमरावती/दि.5 – कोरोना महामारी के चलते घोषित किये लॉकडाउन में केवल जरुरी सुविधाओं के लिए ही रापनि की ओर से बस सेवा चलाई जा रही है. पहले 800 से ज्यादा बस फेरियां चलाई जा रही थी, लेकिन अब केवल 4 से 5 बस फेरियां दौडाई जा रही है. इन बस फेरियों में सफर करने वाले यात्री भी वहीं घिसे पिटे कारण दे रहे है. किसी यात्री का रिश्तेदार की कोविड से मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए जाना है तो कोई रिश्तेदार की तबीयत ठीक नहीं होने से मिलने जाना है, तो किसी को लॉकडाउन में शादी के लिए सफर करना है, यही घिसे पिटे कारण यात्रियों व्दारा बताये जा रहे है. यहां बता दें कि कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए रापनि प्रशासन की ओर से भी सावधानी बरतते हुए केवल 4 से 5 बस फेरियां ही चलाई जा रही है. बस में यात्री के बैठने के बाद चालक व कंडक्टर यात्रियों को पूछते है कि सफर किस वजह से कर रहे है. सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की जानकारी देकर सैनेटाइजर भी दे रहे है. अमरावती मध्यवर्ती डिपो से नागपुर, परतवाडा, वरुड इन महत्वपूर्ण मार्गों पर ही 4 से 5 बस फेरियां रोजाना चलाई जा रही है. वहीं अन्य डिपो से नागपुर, अकोला, यवतमाल से कुछ बस फेरियां अमरावती आ रही है. बस फेरियों को लेकर अन्य यात्रियों से भी अन्य यात्रियों व्दारा पूछताछ भी किये जाने की जानकारी विभागीय नियंत्रक श्रीकांत गभणे ने दी है. जिले के 8 डिपो है और 14 बस स्टॉप है, लेकिन अमरावती मध्यवर्ती डिपो से अत्यावश्यक सुविधा के लिए ही बस छोडी जा रही है. इनमें एक नागपुर, एक वरुड और दो बसेस परतवाडा के लिए छोडी जा रही है. इस मार्ग पर यात्रियों की ज्यादा भीड भी नहीं है.
रापनि की ओर से केवल आवश्यक सुविधा के लिए ही सफर करने की अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ समय अन्य यात्री भी बेवजह सफर करते है. नागरिकों को टोके जाने पर वे बस कंडक्टर के साथ विवाद भी करते है.

  • फिलहाल ज्यादा यात्री नहीं है, इसलिए बस फेरियां कम कर दी गई है. रोजाना केवल 4 से 5 बसेस महत्वपूर्ण मार्गाें पर छोडी जा रही है. रविवार को यात्री संख्या 175 थी. जिसमें से केवल ढाई हजार रुपए का उत्पन्न प्राप्त्ा हुआ है.
    – श्रीकांत गभणे, विभागीय नियंत्रक

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