अमरावती

शहर पुलिस के पांच अधिकारियों को शो-कॉज नोटीस

नोटीस प्राप्त करनेवालों में दो डीसीपी व तीन पीआई का समावेश

* चार खुफिया व डीबी कर्मी हेडकॉर्टर अटैच
* विशेष शाखा का एक पुलिस कर्मी निलंबित
* उमेश कोल्हे हत्याकांड और आठ लोगों को मिली धमकी की जानकारी समय पर उजागर नहीं करने का असर
अमरावती/दि.12- एक टीवी न्यूज चैनल के डिबेट के दौरान विवादास्पद टिप्पणी करनेवाली भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा का सोशल मीडिया पर समर्थन किये जाने के चलते अमरावती शहर में उमेश कोल्हे नामक मेडिकल व्यवसायी का गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया गया. वहीं नुपूर शर्मा का समर्थन करनेवाले करीब आठ लोगों को फोन कॉल करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई. यह बात अब पूरी तरह से स्पष्ट हो गई. लेकिन इस बात को उजागर होने में एक सप्ताह से भी अधिक का समय लगा. इसे कर्तव्य में कोताही का मामला मानते हुए शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने दो पुलिस उपायुक्तों तथा तीन पुलिस निरीक्षकों को शो-कॉज नोटीस जारी किया है. साथ ही दो पुलिस थानों के चार खुफिया व डीबी कर्मियों को पुलिस हेडकॉर्टर से अटैच करने के साथ-साथ विशेष शाखा के एक पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिया गया है. वहीं यह भी पता चला है कि, अब भी कई पुलिस अधिकारी व कर्मचारी पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के राडार पर है.
बता दें कि, स्थानीय तहसील कार्यालय परिसर के सामने अमित मेडिकल नामक प्रतिष्ठान चलानेवाले उमेश कोल्हे पर 21 जून की रात घंटाघरवाली गली में जानलेवा हमला करते हुए उनकी गला काटकर हत्या की गई थी. जिसके बाद अगले करीब एक सप्ताह तक यहीं पता नहीं चल पाया कि, इस हत्या की मुख्य वजह क्या थी. हालांकि इस दौरान इस हत्याकांड में शामिल करीब सात आरोपी एक-एक कर पकडे जा चुके थे. इसी बीच इस हत्याकांड की जांच एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई. जिसके तुरंत बाद शहर पुलिस की ओर से अधिकारिक तौर पर बयान जारी करते हुए कहा गया कि, उमेश कोल्हे की हत्या सोशल मीडिया पर नुपूर शर्मा का समर्थन किये जाने की वजह से हुई थी. हालांकि अमरावती शहर में इसे लेकर 23 जून से ही चर्चाएं चलनी शुरू हो गई. ऐसे में 28 जून को उदयपुर में इसी वजह को लेकर हुए हत्याकांड के बाद शहर पुलिस द्वारा उमेश कोल्हे हत्याकांड की वजह उजागर किये जाने के चलते शहर पुलिस की जमकर किरकिरी हुई और शहर पुलिस को आरोपों व सवालों के घेरे में भी खडा किया गया. जिसे शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच में हुई कोताही व लापरवाही पर अपना ध्यान केंद्रीत करते हुए कई अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने राडार पर लिया. जिसके चलते दो पुलिस उपायुक्तों व तीन पुलिस निरीक्षकों को शो-कॉज नोटीस जारी करते हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड की वजह को लेकर जानकारी देरी से मिलने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा कोतवाली पुलिस थाने के खुफिया कर्मी सचिन शेलके व नागपुर गेट थाने खुफिया कर्मी विजय राठोड को पहले ही मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. साथ ही अब कोतवाली थाने के डीबी कर्मचारी कलाम को भी पुलिस हेडकॉर्टर में भेज दिया गया है. इसके अलावा विशेष शाखा के पुलिस कर्मी जमील अहमद को निलंबित किये जाने की जानकारी सामने आयी है. पता चला है कि, जमील अहमद पर शहर में धर्म को लेकर होनेवाली गतिविधियों पर नजर रखने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिसमें असफल रहने के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं अब भी कई पुलिस अधिकारी व कर्मचारी सीपी डॉ. आरती सिंह के राडार पर है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड में मुख्य सूत्रधार के तौर पर रहबर हेल्पलाईन चलानेवाले शेख इरफान नामक शख्स का नाम सामने आया है. जिसके कुछ राजनीतिक दलों व पुलिस कर्मचारियों के साथ काफी अच्छे संबंध रहे. वहीं अब कोल्हे हत्याकांड का मामला राष्ट्रीय स्तर पर खबरों की सूर्खियां बना हुआ है और इस मामले की जांच को शहर पुलिस से हटाकर एनआईए को सौंप दिया गया है. जिसके चलते सभी आरोपियों को अपनी कस्टडी में लेकर एनआईए का दल मुंबई रवाना हो चुका है. इसी बीच पता चला है कि, अमरावती शहर में करीब आठ लोगों को नुपूर शर्मा का समर्थन किये जाने के चलते फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. जिसमें से केवल तीन मामलों की जानकारी ही शहर पुलिस तक पहुंच पायी और केवल एक मामले मेें ही अधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज हुई. इसे भी शहर पुलिस की असफलता माना जा रहा है. जिसे पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने बेहद गंभीरता से लिया है और इसे लेकर काफी कडा रूख भी अपनाया है. जिसकी वजह से इस समय अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है.

Related Articles

Back to top button