अमरावती

खविसं,एपीएमसी,नाफेड सहित पांच संस्थाएं दे भरपाई

ग्राहक मंच का आदेश, शासकीय तुअर खरीदी से वंचित किसानों को दिलासा

अमरावती/दि.2 – शासकीय केंद्र पर तुअर खरीदी का टोकन देने के बावजूद यंत्रणाओं ने उन किसानों की बजाय अलग ही व्यक्ति की तुअर खरीदी किए जाने के मामले में जिला ग्राहक मंच ने खरीदी बिक्री संघ, कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी), नाफेड व अन्य दो संस्थाओं को किसानों को भड़पाई देने का आदेश दिया है.
जिले के धामोरी कसबा, शिराला, देवरा के किसानों को तुअर खरीदी के लिए पंजीयन कर टोकन दिया गया. लेकिन उनके टोकन पर दूसरे ही किसानों की तुअर खरीदी की जाने से वे किसान तुअर की बिक्री शासकीय दर में नहीं कर सके. परिणामस्वरुप शासन के लाभ से वंचित रहना पड़ा. जिला ग्राहक मंच ने किसान शेखर औगड, डॉ. प्रवीण औगड, संजय लव्हाले, संचित लव्हाले, मंगेश देशमुख, अरुणा देशमुख को दिलासा दिया. खविसं, एपीएमसी, नाफेड सहित अन्य दो संस्थाओं को नुकसान भरपाई की रकम किसानों को देने का आदेश दिया गया.
सरकार द्वारा घोषित की गई धारणा के अनुसार सन 2017-18 में तुअर की फसल को आधारभूत दर में कीमत मिले, इसके लिए किसानों से तुअर खरीदी जाये, वहीं किसानों को 1 हजार रुपए दरफरक दिये जाने के आदेश थे. इसकी जिम्मेदारी अमरवती खरीदी बिक्री संघ, अमरावती कृषि उपज बाजार समिति, जिला मार्केटिंग अधिकारी (नाफेड),महाराष्ट्र कृषि पणन मंडल,दि. महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव को दी गई थी. जिसके अनुसार संस्थाओं ने करारनामा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी की थी. किसानों का माल खरीदी के लिए बुलाकर उनके माल का वजन व उस माल की कीमत देना आवश्यक होते हुए भी इस काम में अनियमितता दिखाई दी.संस्थाओं ने खुलासा करते समय कर्मचारियों की संख्या कम होने,कर्मचारी तज्ञ न होने, ऐसे प्रशासकीय कारण बताये.
प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को पंजीयन की गई तुअर की बिक्री शासन दर से नहीं करते आयी. परिणामस्वरुप वह माल बाजार में कम दर से बेचा गया. इतना ही नहीं, जितने क्विंटल तुअर खेत में हुई, उतनी तुअर का शासन के नियोजनात्मक पत्र के अनुसार प्रत्येकी हेक्टरी नुकसान भरपाई एवं शासन की कीमत में भी तुअर खरीदी नहीं की जा सकी. जिसके चलते विरोधी पक्ष एवं शिकायतकर्ता की बात सुनकर जिला ग्राहक मंच ने जिले के सात किसानों को न्याय दिया. प्रत्येक किसानों को नुकसान की रकम, आर्थिक, शारीरिक, मानसिक नुकसान की रकम दिये जाने के आदेश दिये.

राज्य के किसानों के हित में जनहित याचिका

जिला ग्राहक मंच ने 7 किसानों को न्याय दिया. जिला ग्राहक मंच के इस निर्णय से जिले के किसानों को न्याय मिला चाहिए, इसलिए जनहित याचिका दाखल की है. जिसका लाभ सभी किसानों को होगा. जिन किसानों ने नाम पंजीकृत नहीं किए, ऐसे किसानों को 20 हजार रुपए अनुदान नहीं मिला, 165 किसानों की खरीदी में नियमों का उल्लंघन किया गया. 214 किसानों के टोकन का गैर इस्तेमाल किया गया. वहीं सैकड़ों किसान वंचित रहने से वह निर्णय भी किसानों के हित में लगेगा.
– शेखर औगड, किसान, धामोरी कसबा

इन किसानों को मिला न्याय

कृष्णराव औगड     1.42 लाख
शेखर औगड            22 हजार
डॉ. प्रवीण औगड    1.61 लाख
संजय लव्हाले       1.84 लाख
संचित लव्हाले      73.24 हजार
मंगेश देशमुख      1.61 लाख
अरुणा देशमुख      47.53 लाख

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