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विद्यापीठ में पांच तेंदुए!

खुद सुरक्षा रक्षक ही है असुरक्षित

* वन परिक्षेत्र से होती है तेंदुओं की एंट्री

* सुरक्षा दीवार से छलांग लगाकर करते है प्रवेश

* ‘उस’ परिसर में नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित

* मार्गदर्शक निर्देशवाले फलक लगे

अमरावती/दि.1- स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ परिसर में की गई मोबाईल वीडियो शूटींग में दो मादा तेंदुओं के पांच शावक दिखाई दिये है. जिसकी वजह से विद्यापीठ के तालाब मार्ग परिसर में अब आम नागरिकों का आवागमन खतरनाक साबित होने लगा है. साथ ही इस परिसर में तैनात किये गये सुरक्षा रक्षक भी खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे है. क्योंकि पास ही स्थित वन परिक्षेत्र को तेंदुओं सहित उनके शावकों का इन दिनों विद्यापीठ परिसर में मुक्त संचार देखा जा रहा है.
बता दें कि, विगत तीन-चार दिनोें से विद्यापीठ परिसर में लगातार तेंदुए दिखाई दे रहे है. इस बात पर वनविभाग भी अपनी मूहर लगा चुका है. विगत दो वर्षों से विद्यापीठ में शैक्षणिक सत्र बंद है. जिसकी वजह से यहां पर विद्यार्थियों की कोई भीडभाड नहीं है. ऐसे में इसे वन्यजीवों के लिए फायदेमंद स्थिति माना जा रहा है. इस परिसर में इससे पहले कई आवारा कुत्ते घुमा करते थे. जिनका शिकार करने के लिए जंगल क्षेत्र में रहनेवाले तेंदुए विद्यापीठ परिसर में घुस आते थे. लगातार किये जानेवाले शिकार की वजह से यहां पर आवारा कुत्तों की संख्या तो काफी कम हो गई है. किंतु अब धीरे-धीरे इस परिसर में तेंदुओं का मुक्त संचार बढने लगा है. ऐसे में तालाब परिसर, शारीरिक शिक्षा विभाग, जलतरण तालाब, क्रीकेट मैदान, रसायनशास्त्र विभाग सहित विद्यापीठ के पूर्वी हिस्सेवाले क्षेत्र में सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया गया है. साथ ही इस क्षेत्र से होकर आवाजाही नहीं करने को लेकर मार्गदर्शक फलक भी लगाये गये है. इससे पहले वन विभाग द्वारा विद्यापीठ में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैप कैमेरे भी लगाये गये थे, ताकि तेंदुओं की हलचलों पर नजर रखी जा सके. साथ ही कुलगुरू बंगला परिसर में नियमित तौर पर तेंदुओं की आवाजाही दिखाई देने के बाद इस क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा भी तैनात की गई. किंतु इन दिनों दो मादा तेंदुओं सहित पांच शावकों की आवाजाही दिखाई देने के चलते यहां की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा रक्षकों में भी काफी भय का माहौल है.

विद्यापीठ में तेंदुए रहने के संदर्भ में इससे पहले एक पत्र प्राप्त हुआ था. जिसके मद्देनजर यहां पर ट्रैप कैमेरे लगाये गये थे. वहीं अब अन्य कुछ क्षेत्रों में भी तेंदुओं की हलचल पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमेरे लगाये जायेंगे.
– कैलास भूंबर
वन परिक्षेत्र अधिकारी, वडाली

तेंदुओं की वजह से बनायी गई सुरक्षा दीवार विद्यापीठ के जिस क्षेत्र में नियमित रूप से तेंदुओं की आवाजाही देखी गई, उस क्षेत्र में नये सिरे से सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया. लेकिन इसके बावजूद तेंदुए अब इस सुरक्षा दीवार के उपर से छलांग लगाकर रास्ते पर जाना-आना करते है. इन दिनों यह रास्ता पूरी तरह सुनसान रहने के चलते यहां पर तेंदुओं और उनके शावकों के लिए शांतिपूर्ण वातावरण रहता है.

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