* पूर्ण वर्ष में केवल चार से पांच एफआईआर दर्ज
अमरावती /दि. 13– महाराष्ट्र जीवन प्राधीकरण (मजीप्रा) के माध्यम से शहर में पेयजल आपूर्ति की जाती है, लेकिन पानी चोरी बढने से मजीप्रा को करोडों का नुकसान उठाना पड रहा है. शहर में मजीप्रा के 1 लाख 3 हजार ग्राहक है. करीब 5 हजार नल कनेक्शन अनाधिकृत है.
हर साल पानी की चोरी के 100 नल कनेक्शन बंद कर कार्रवाई की जाती है. जिसमें तीन से चार एफआईआर दर्ज की जा रही है. जिले को सिंभोरा बांध से जलापूर्ति की जाती है. सिंभोरा से मासोद स्थित जलशुद्धिकरण केंद्र तक पाइप लाइन से जलापूर्ति की जाती है. अमरावती और बडनेरा शहर के 1 लाख 3 हजार नागरिकों को प्रति दिन 130 दशलाख लीटर जलापूर्ति की जाती है, लेकिन कुछ इलाकों में पाइप लाइन तोडकर पानी चोरी किया जाता है. देखा गया है कि, कई लोग नल मीटर से पहले पाइप से पानी चोरी कर रहे है.
मजीप्रा द्वारा हर घर में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है. कई स्थानों पर जिला परिषद और महानगर पालिका के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर नल कनेक्शन देकर पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन यह देखा गया है कि, कुछ नागरिक मजीप्रा पाइप लाइन से ही पंपों के माध्यम से पानी की चोरी कर रहे हैं. इसके अलावा नल में पानी नहीं आने के कारण कई लोग टिल्लू पंप से पानी ले रहे है. इस वजह से कई लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.
* वसूली 30 करोड और खर्च 50 करोड रुपए
मजीप्रा द्वारा ग्राहकों तक जलापूर्ति करने नियोजन किया जाता है. इसके लिए बडी यंत्रणा काम करती है. मजीप्रा का सालाना खर्च 50 करोड रुपए है. लेकिन बदले में पानी की बिल की वसूली 30 करोड रुपए तक होती है. खर्च अधिक और आमदनी कम रहने से मजीप्रा की हालत दयनीय है. सरकारी कार्यालयों पर भी करोडों रुपया बकाया है. मनपा पर भी 60 करोड रुपए से अधिक बकाया है. जबकि जिला अस्पताल में तीन करोड रुपए बकाया है.
* लगातार कार्रवाई
पानी चोरी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है. पानी चोरी के 10 प्रतिशत मामले पकडे जाते है. इसमें नल कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाती है अथवा बिल के साथ दंडात्मक कार्रवाई होती है. पूर्ण वर्ष इस तरह के 4 से 5 मामले दर्ज होते है.
– एम. के. वाकेकर, अभियंता मजीप्रा.