अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

धारणी एसडीओ पर धमके पांच हजार आदिवासी

25 गांवों में तीन माह से नहीं बिजली

* बच्चे-बूढे गंदा पानी पीने मजबूर
* हिल उठा प्रशासन, आननफानन में पहुंची महावितरण की एजेंसी
* दारसिंबे और सरपंच जावरकर का नेतृत्व
* अगला मोर्चा और बडा करने का अल्टीमेटम
धारणी/दि. 29 – ढाकणा, बिजुधावडी, बारु से सटे दो दर्जन से अधिक गांवों में गत तीन माह से बिजली की भयंकर समस्या से आजिज आए ग्रामीणों ने आज दोपहर हजारों की संख्या में यहां विशाल मोर्चा निकालकर विभागीय अधिकारी कार्यालय पर धरना दे दिया. मोर्चे का नेतृत्व राणा मालूर की सरपंच गंगा जावरकर, जनक्रांति सेना से मन्ना दारसिंबे और अन्य लोग कर रहे हैं. विशाल मोर्चे से धारणी सहित जिला प्रशासन सकपका गया. तहसीलदार प्रदीप शेवाडे, थानेदार अशोक जाधव और अन्य अफसरान पहुंचे. उसी प्रकार आननफानन में अमरावती से महावितरण की संबंधित निजी एजेंसी के अधिकारी पहुंचे. वे गुस्साएं आदिवासियों के सामने चिरौरी करते नजर आए. पांच दिनों का वक्त उन लोगों ने मोर्चे के नेताओं से मांगा. समाचार लिखे जाने तक हजारों ग्रामीण एसडीओ दफ्तर पर 35 डिग्री की धूप के बावजूद डटे थे. वहीं दारसिंबे और जावरकर ने अधिकारियों को अल्टीमेटम दे दिया था.
* तीन माह से समस्या, सांसद ने नहीं सुनी
मन्ना दारसिंबे ने अपने जोशीले संबोधन में आरोप लगाया कि, दो दर्जन गांवों के लोग गत तीन महीनों ने बिजली के कम दबाव और इसके कारण होनेवाली पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को बारंबार निवेदन दिए. पहले विधानसभा चुनाव की गहमागहमी रही. मोर्चे में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि, सांसद और विधायक ने उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया. जबकि गांव के लोग बिजली नहीं होने से रात-बेरात बडे डरे हुए और सशंकित जीवन गुजार रहे हैं.
* आए 25 गांवों से हजारों
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, बिजली नहीं होने से जलापूर्ति नहीं हो रही. जिससे गांव के लोगों को गंदा पानी पीना मजबूर हो गया. बच्चों और बुजुर्गो को न चाहते हुए भी यही पानी दिया जा रहा. जिससे स्वास्थ की समस्याएं बढ रही है. आज के मोर्चे में 25 गांवों के हजारों लोगों के आने का दावा किया गया. हमारे संवाददाता सूरज मालवीय ने बताया कि, सुबह 11 बजे मोर्चा दाना बाजार एपीएमसी से लगभग तीन किलोमीटर दूर एसडीओ कार्यालय पहुंचा. वहां मोर्चे के कारण एक ओर का यातायात अवरुद्ध हो रखा था.
* जंगली जानवरों का डर
ढाकणा, बिजुधावडी और बारु के आसपास के देहातों में बिजली नही रहने की वजह से रात-बेरात जब तालाब और पोखर पर महिलाएं पानी के लिए जाती तो उन पर हमेशा हिंस्त्र पशुओं के हमले का डर बना रहता. इस वजह से भी ग्रामीण घबराए और गुस्से में हैं. उनका पानी के अभाव में गेहूं, चने की फसलों की सिंचाई नहीं कर पाने की शिकायत आज मोर्चे में मुखर की गई.

* हम भारत के लोग
मोर्चे में महिलाएं खाली घडे और बैनर लेकर सहभागी थी. उनका बैनर सभी का ध्यान खींचने में सफल रहा. जिस पर लिखा ‘हम भारत के लोग, किसान जन अधिकार आंदोलन’. अखंड बिजली की मांग करते हुए ग्रामीणों ने बारु में सबस्टेशन स्थापित करने की मांग हजारों के मोर्चे से आज बुलंद की.

Back to top button