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हाफ मर्डर के आरोपी को पांच वर्ष सश्रम कारावास

जिला न्यायालय का फैसला

* सपासप तलवार चलाकर किया था घायल
* फारेस्ट कॉलोनी के पास पुराना बायपास रोड की घटना
अमरावती/ दि.29– शिकायतकर्ता सुयोग मेटांगे व उसका भाई आदेश, आरोपी समीर निकोसे व दो नाबालिग लडके दोस्त थे. उनके बीच हुए विवाद की पुरानी रंजिश को लेकर आरोपी समीर ने तलवार से सपासप वार कर आदेश को गंभीर रुप से घायल कर दिया. इस वक्त फे्रजरपुरा पुलिस ने हत्या करने के इरादे से हमला करने वाले समीर के खिलाफ हाफ मर्डर की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया. इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय क्रमांक 1 के न्यायमूर्ति एस. एस. अडकर की अदालत ने आरोपी समीर निकोसे को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
समीर सुनील निकोसे (27, यशोदानगर नं.1, सिध्दार्थ क्रिडा मंडल के पास अमरावती) यह दफा 307, 34 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं भरने पर एक माह अतिरिक्त सजा पाने वाले आरोपी का नाम है. सुयोग विलास मेटांगे (17, जलाराम नगर, गली नं.2, दरगाह के पास, अमरावती) ने फे्रजरपुरा पुलिस थाने में दी शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता सुयोग व आरोपी समीर निकोसे व दोनों नाबालिग यह दोस्त थे. नरसम्मा महाविद्यालय में कक्षा 12 वीं में पढते थे. 18 अगस्त 2016 के दिन सुयोग व तीनों आरोपियों के बीच विवाद हुआ. इसके बाद वे अपने अपने घर चले गए.
इसके बाद सुयोग का चचेराभाई आदेश ने आरोपी समीर को फोन पर पूछा की उसके भाई को धमकी क्यों दी. इसपर उनका फोन पर ही विवाद हुआ. इसके बाद शाम 5 बजे शिकायतकर्ता सुयोग, उसका भाई आदेश व उसका एक मित्र आदित्य जिचकार मोटरसाइकिल से फारेस्ट कॉलोनी के पास से जा रहे थे. तब उनकी मोटरसाइकिल बंद पड गई. वे बायपास रोड पर खडे थे, तब आरोपी समीर निकोसे तलवार लेकर आया ओैर एक नाबालिग के पास चाकू था. आरोपी समीर ने आदेश पर तलवार से हमला किया और उसे रोकते समय आदेश के हाथ व पैर में तलवार की चोट लगी. इसी तरह नाबालिग ने घायल आदेश के कांधे व दाहे हाथ पर चाकू मारा. तीसरे नाबालिग ने लातघुसो से मारा और तीनों आरोपी हथियार लेकर वहां से भाग गए. इसके बाद घायल आदेश को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. सुयोग मेटांगे ने पुलिस थाने में शिकायत दी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दफा 307, 34, सहधारा 4/25 आर्म एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया. इस मामले में दो आरोपी नाबालिग होने के कारण उनके खिलाफ अध्यक्ष बालमंडल अमरावती के समक्ष मामला दायर किया गया.
इस मुकदमे में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील दीपक आंबलकर ने आठ गवाहों के बयान लिये. इसमें से चष्मदीद गवाह शिकायतकर्ता सुयोग मेटांगे, घायल आदेश मेटांगे और उसका दोस्त आदित्य जिचकार यह तीनों अदालत में अपने बयान से मुकर गए. परंतु घायल आदेश मेटांगे ने सरकारी वकील व्दारा पूछ बयान में पूरा घटनाक्रम बताया और आरोपी के खिलाफ गवाही दी. इसी तरह हथियार बरामद कर पंच प्रज्योत बागडे व घटनास्थल के पंच मनिष रोकडे के महत्वपूर्ण बयान हुए. इसी तरह डॉ. राहित रायकवार ने घायल की जांच की. उनके बयान भी अदालत ने मान्य करते हुए दलीले पेश करने के बाद समीर निकोसे को उपरोक्त सजा सुनाई. इस मुकदमे में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील दीपक आंबलकर ने दलीले पेश की. मामले की तहकीकात सहायक पुलिस निरीक्षक रोशन शिरसाट ने करते हुए दोषारोपपत्र अदालत में दायर किया. इस मामले में पैरवी अधिकारी के रुप में पुलिस हवालदार बाबाराव मेश्राम ने सहयोग किया.

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