भाटोका नाले को बाढ आने पर यातायात ठप की समस्या
हर साल छात्रों व नागरिकों को होती है परेशानी
* उपाय योजना करने की मांग
दर्यापुर/दि.12– ग्रामीण क्षेत्र के गांवों को जोडने वाले रास्ते और नदी-नाले पर बनाए गए पुल नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण के सेतू होते है. किंतु बारिश शुरु होते ही नदी-नाले को ाबढ आने पर नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पडता है. तहसील के कोकर्डा की ओर जाते समय भाटोका नाले का पुल पार कर जाना पडता है. बरसात में इस नाले के पुल के उपर से पानी बहने से हर साल यातायात ठप होता है. ग्रामवासियों को हर साल इस समस्या का सामना करना पडता है. नाला उफान पर रहने से स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को परेशानी होती है. उनका शैक्षणिक नुकसान होता है. ग्रामवासियों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रशासन ने उपाय योजना करने की मांग विद्यार्थी नेता महेश बुंदे ने की है.
बारिश के दिनों में भाटोका नाला पुल के उपर से पानी बहने परिकसान, विद्यार्थी और नागरिकों के महत्वपूर्ण काम प्रभावित होते है. नाले की पुल की उंचाई बढाने तथा यह समस्या हल करने की मांग को लेकर ग्रामवासियों ने कई प्रयास किए, परंतु अब तक यह समस्या हल नहीं हुई. रिमझिम बारिश आने पर भी नाले पर बना पुल पानी में चला जाता है. किसानों को बाढ का पानी कम होने का इंतजार करना पडता है. विद्यार्थियों को उनके घर पहुंचने विलंब होता है, तथा बाढ से जानहानि का खतरा बना रहता है. बाढ कम होने का इंतजार करते-करते कई बार अंधेरा भी हो जाता है, जिससे घर जाने भी देरी होती है. पशुओं की सुरक्षा का भी सवाल निर्माण होता है. भविष्य में जानहानि होने पर इसके लिए जिम्मेदार कौन? यह सवाल महेश बुंदे ने किया है.
कोकर्डा गांव का परिसर 10 से 12 कस्बों से बसा है. गांव में कई लोगाेंं का काम के सिलसिले में आना-जाना लगा रहता है. इस गांव में जाते समय भाटोका नाला लगता है. बारिश के दिनों में नाला लबालब भरने से यातायात ठप होता है. जिसके कारण विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र में नुकसान सहना पडता है. इस मुख्य समस्या को संबंधित प्रशासन ने जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है.
-महेश बुंदे, विद्यार्थी नेता