अमरावती

फुले दंपत्ति की सत्यशोधक विचारधारा में ही राष्ट्र का हित ः प्रा. संतोष विरकर

महात्मा जोतीराव फुले व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का जयंती समारोह

* कृउबा समिति अचलपुर-परतवाड़ा का आयोजन
परतवाड़ा/दि.29.– बहुजनों का शोषण करते हुए उन्हें शिक्षा व आर्थिक लाभ से वंचित रखने वाली व्यवस्था को खत्म करने के लिए जिन समाजसुधारकों ने आज तक काम किये वे महापुरुष सदैव नये समाज की निर्मिति व नवराष्ट्र निर्मिति के लिए प्रयासरत रहे हैं. इसकी जानकारी नई पीढ़ी को मिलने के लिए इस तरह के जयंती उत्सव मनाये जाते है. किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद सांत्वना पर आर्थिक रुप से मदद करना यह सेवा होकर किसानों को आत्महत्या करने की नौबत नहीं आएगी, ऐसी व्यवस्था निर्माण करना यानि परिवर्तन है. महात्मा जोतीराव फुले ने अपने साहित्य में वह व्यवस्था बताये जाने के साथ ही नवसमाज निर्मिती के लिए सार्वजनिक सत्यधर्म की स्थापना की. उनके साहित्य का वाचन एवं उस पर अमल करना ही समय की जरुरत है. ऐसे विचार प्रा. संतोष विरकर ने क्रांतिसूर्य महात्मा जोतीराव फुले व भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की संयुक्त जयंती समारोह अवसर पर उन्हें आदरांजलि अर्पित करते हुए फुले दंपत्ति के सत्यशोधक विचारधारा में राष्ट्र का हित इस विषय पर हाल ही में कृषि उपज बाजार समिति अचलपुर-परतवाड़ा में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में व्यक्त किए.
कृउबा समिति के संचालक अमोल चिमोटे की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उदघाटक प्रबोधनकार प्रा. राजीव लोखंडे ने महात्मा फुले के साहित्य के कुछ प्रसंग प्रस्तुत किए. इस जयंती उत्सव निमित्त आयोजित निबंध लेखन स्पर्धा को उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिलने के साथ ही संपूर्ण महाराष्ट्र से 139 निबंध प्राप्त हुए. निबंधों का परीक्षण डॉ. नीलिमा मुले व प्रा. हर्षवर्धन अवतारे ने किया. पश्चात निबंध लेखन स्पर्धा का पुरस्कार वितरण किया गया.
अ गट में महात्मा जोतीराव फुले की सामाजिक क्रांति व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की संवैधानिक क्रांति विषय अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 3000, पं.स. अचलपुर के पूर्व सभापति देवेन्द्र पेटकर की ओर से अभिषेक इंगले कांडली को व द्वितीय पुरस्कार 2000 रुपए प्रा. कॅप्टन लक्ष्मीधर की ओर से कुसुम सुवारे खरपी को तथा तृतीय पुरस्कार 1000 रुपए पूर्व प्राचार्या हर्षा पाटील की ओर से श्रेयस शनवारे कोठारा को दिया गया. ब गट में फुले दाम्पत्याच्या सत्यशोधक विचारधारेतच राष्ट्राचे हित विचय अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 3000रु.जगदंब विणकर शिक्षण संस्था अचलपुर के अध्यक्ष रमाकांत शेरेकर की ओर से कुलकर्णी (मनमाड) व द्वितीय पुरस्कार 2000 रु. प्राचार्य राजाभाऊ महाजन के हाथों ममता हरिमकर को व तृतीय पुरस्कार 1000 रु. पूर्व प्राचार्य प्रा. चंद्रकांत बहुरुपी की ओर से परतवाड़ा की सुषमा खेरडे व अकोला के प्रा. पी.जी. भामोदे को विभाजित कर दिया गया. सभी विजयी स्पर्धकों को भारतीय राज्य घटना का प्रमाण पत्र दिया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. लक्ष्मीधर मुले ने व आभार प्रदर्शन नितीन रसे ने किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने आयोजन समिति से सदस्यों सहित डॉ. निलीमा मुले, संतोष कांडलकर, नितिन गणोरकर, अनंत फरकांडे, गिरीश नाथे,हरिहर भातकुले,नंदकिशोर वासनकर,विकास भातकुले, सुशील गणोरकर ने परिश्रम किया. इस अवसर पर हजारों की संख्या में फुले,शाहू,आंबेडकर प्रेमी समाजबंधु उपस्थित थे. कार्यक्रम में सभी सत्यशोधक महानायक व महानायिकाओं की वेशभूषा धारण करने वाले बाल कलाकारों ने उपस्थितों का ध्यानाकर्षित किया. इस समय सभी बाल कलाकारों को प्रोत्साहन पर 500 रुपए व प्रमाण पत्र आयोजकों की ओर से प्रदान किये गए.

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