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अमरावती प्रतिनिधि/दि.२६ – सतत बारिश के चलते फूलों की खेती करने वाले किसानों पर संकट के बादल छा गए. इन किसानों ने अपने खेतों में गेंंदे, लिली व अन्य फूलों की बागवानी की थी. किंतु सतत बारिश के चलते फूलों पर करपा रोग का प्रादुर्भाव न हो इसके लिए किसानों ने उचित खाद के साथ दवाओं का छिकाव भी किया था. इतनी मेहनत करने के बावजूद कोरोना के चलते सभी सार्वजनिक उत्सव तथा मंदिर बंद किए जाने की वजह से फूलों की मांग में कमी आयी थी. उससे फूल उत्पादक पहले ही परेशान थे अब सतत बरिश के चलते फूलों की फसले बर्बाद होने की कगार पर खडी है.
एक ओर सरकार द्वारा सभी मंदिर व धार्मिक स्थल बंद कर दिए जाने पर तथा पितृपक्ष व अधिकमास के कारण वैसे ही फूलों की मांग नहीं है. दूसरी ओर सतत बारिश के चलते फूलों पर करपा रोग के चलते फूल मुरझा रहे है. फूल उत्पादक किसान फूलों को बचाने के लिए खाद और छिडकाव में हजारो रुपए खर्च कर रहे है. किंतु फिर भी फूलों की खेती पर संकट के बादल छाए हुए है. सभी तरह से मार झेल रहे किसान पर अब फूलों को कूडे में फेकने की नौबत आन पडी है. सरकार की ओर से फूल खेती को आर्थिक सहायता दी जाए ऐसी मांग फूल उत्पादक किसान अविनाश मेहरे द्वारा की गई है.