परतवाडा प्रतिनिधि/दि. १९ – नवरात्र से दीपावली तक हार, फूल की मांग काफी अधिक होती है. मगर वापस लौट रही बारिश की वजह से अचलपुर, परतवाडा और ग्रामीण क्षेत्र में फूल की खेती पर एक ही वर्ष में दूसरी बार खतरा मंडराने लगा है. जबकि इस सिजन में गेंदे और निशिगंधा के फूलों की विशेष मांग होती है. संबंधित फूलों के पेड खराब हो जाने पर किसान के सामने पेड उखडकर फेंकने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं रहता. इसके कारण मांग अधिक और आवक कम ऐसी फूल की अवस्था दिखाई दें रही है. अच्छी कीमत मिलते समय प्रकृति ने किसानों के लिए आर्थिक खतरा निर्माण किया है. रोजाना फूलों को फेंकना पड रहा है. जैसे तैसे फूलों की खेती करने वाले नवरात्रोत्सव व दीपावली तक लगने वाले फूलों की व्यवस्था की मंगर उसपर भी बेमौमस बारिश ने हमला किया. अचलपुर, परतवाडा शहर के २० से २५ किसान फूलों की खेती करते है. नियमित फूलों की खेती करने वाले किसानों की गिनती उंगली पर गिनने लायक हैं.