अमरावतीमहाराष्ट्र

फूलों से सभी का महकाते जीवन

महेश बनकर का संघर्ष

* गजानन महाराज के बडे भक्त
अमरावती/दि.20– सडक किनारे जिन्दगी कॉलम को पुन: आरंभ करते हुए अनेक अनुभव आए हैं. उसी में यह अनुभव कामन है कि सडक किनारे अपना छोटा-मोटा व्यवसाय कर गृहस्थी चलानेवाले यह लोग दिल से बडे उदार होते हैं. वक्त जरूरत किसी की भी सहायता करने में यथाशक्ति प्रयत्न करते हैं. अब बडनेरा रोड पर दादावाडी के सामने फूलों का दस वर्षो से धंधा कर रहे मंगेश बाबाराव बनकर को ही ले . मंगेश अपने पुत्र शुभम पुत्री प्राजक्ता के साथ- साथ अपने भांजा-भांजी भावेश तथा वेदांती की भी शिक्षा- दीक्षा में योगदान कर रहे हैं. मंगेश कहते हैं कि फूलों के व्यवसाय से वे लोगों के जीवन में खुशबू का प्रयत्न कर रहे हैं. परम गजानन महाराज भक्त मंगेश खुद कम पढे लिखे हैं. किंतु अपने बच्चों और बहन की इन संतानोें को भी उच्च शिक्षा दिलाने के पक्ष में हैं. प्रयत्न भी कर रहे हैं.

* पिता का भी यही काम
मंगेश के पिता बाबाराव बनकर भी फूलों का धंधा करते थे. उनका स्टॉल गडगडेश्वर शिव मंदिर के पास लगता था. वहां उस दौर में कई लोगों की खेतीबाडी थी. बाडी से फूल चुनकर मंदिर के बाहर लडियां, मालाएं बनाकर बेची जाती. मंगेश ने पिता के साथ और जवाहर गेट के प्रसिध्द गुल्हाने फूलवाले के यहां भी काम किया. कह लीजिए काम सीखा. मंगेश के अनुसार फूलों का धंधा बडा जोखिम वाला है.

* महंगे, सस्ते का चक्कर
37 बरस के मंगेश बनकर वर्षो से शहर मेें फूल का धंधा कर रहे हैं. वे सब्जी मार्केट के पीछे थोक मंडी से फूलों की खरीदी कर लडियां, मालाएं बनाकर बेचते हैं. मंगेश बताते हैं कि फूलों का धंधा जोखिम भरा है. माल की आवक बढते ही मार्केट में रेट टूट जाते हैं. वहीं कभी 50 रूपए का गुलाब के फूलों का बंडल आवक कम होने से तुरंत 150 रूपए रेट में बिकने लगता हैै. ऐसा ही मामला अन्य फूलों गेंदा, चमेली, मोगरा आदि का है. शहर के विस्तार एवं विकास से अब तो विदेशी फूलों की मांग बढ चली है. जिससे इस धंधे में भी लागत बढ गई है.

* शादी ब्याह और त्यौहार की ग्राहकी
मंगेश बनकर कहते हैं कि विवाह प्रसंग के साथ ही त्यौहारों पर फूलों की मालाएं और सजावटी गुलदस्ते की मांग बढ जाती है. जहां तक विवाह प्रसंग की मालाओं की रेंज की बात करें तो 500 रूपए से लेकर 10 हजार रूपए तक जोडी रहती है. दशहरा दिवाली सीजन रहता है. अभी तो बारिश के कारण आवक कम है. विवाह का सीजन कुछ दिनों का ही शेष बचा है. जिससे मार्केट ठीकठाक है. मंगेश के परिवार में पत्नी शुभांगी, जो बहनें दीपाली और आरती तथा बच्चे हैं. वर्ष में एक बार संत गजानन महाराज के दर्शन हेतु शेगांव वारी अवश्य करते हैं. अपनी और परिवार की प्रगति के लिए गजानन महाराज की कृपा बताते हैं.

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