अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२ – आगामी खरीफ मौसम में सोयाबीन की कमी बड़े पैमाने पर महसूस की जा रही है. ऐसे हालात निर्माण हुए है कि खुले में बीज खरीदने पड़ेंगे. लिहाजा किसानों ने बीजों की उगाई क्षमता जांचने, बीज प्रक्रिया, बीजों का चयन, बीजों की मात्रा, रासायनिक खाद व तना नाशक का उचित उपयोग करने पर सोयाबीन के उत्पादन में इजाफा होगा. इसलिए सोयाबीन बीज चुनते समय आठ सूत्रों का पालन करने का आवाहन कृषि विभाग व्दारा किसानों से किया गया है.
यहां बता दें कि जिले मेंं कपास के बाद सोयाबीन का उत्पादन डेढ़ लाख हे. क्षेत्र में किया जाता है. उत्पादन क्षेत्र अब बढ़ते जा रहा है. खरीफ में भी इसमें इजाफा होगा. इसलिए बढ़ रहे क्षेत्र को देखते हुए किसानों को नियोजन करना जरुरी है. घरेलू पध्दति से अंकुरित क्षमता पध्दति का उपयोग करना चाहिए. जिसमें ज्यादा से ज्यादा बीज डालने, न्यूज पेपर,टीश्यु पेपर में बीज गिनकर रखने अथवा मिट्टी में 3 से.मी.गहराई तक बीज डालकर अंकुरित क्षमता जांची जाये. रासायनिक बीज बुआई से पूर्व अथवा बुआई के एक दिन पूर्व कार्बोजिन थाइरम पाउडर लगाकर बीज को सुखाने के बाद रायबेजियम, ट्रायकोर्डमा लगाया जाये.
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बीज व खाद प्रबंधन जरुरी
कंपोस्ट खाद हेक्टेयर पांच टन बुआई पूर्व 15 से 20 दिन पहले जमीन में डाला जाये. सोयाबीन फसल को प्रति हेक्टेयर 50 किलो नत्र, 75 किलो सफरुद और 45 किलो पालाश बुआई के समय जमीन में मिश्रित कर बोना चाहिए. यह आवाहन कृषि कार्यालय व्दारा किया गया है.