अमरावती

युवा बाबासाहब के विचारों का अनुसरण करें

वरिष्ठ साहित्यिक शिवा प्रधान का प्रतिपादन

* भीम टेकडी में डा बाबासाहब आंबेडकर जयंती अवसर पर व्याख्यान
अमरावती/ दि.21 – दुनिया में जिनकी जयंती मनाई जाती है, ऐसे एकमात्र व्यक्तिमत्व याने डॉ.बाबासाहब आंबेडकर है. इस भारत को संविधान व्दारा एकसाथ रखने का महान अलौकिक कार्यों के साथ ही उन्होंने इस देश के सभी उपेक्षित लोगों को स्वाभिमान व सम्मान के जीवन से बहाल किया है. स्वतंत्रता, समता, बंधुता और न्याय यह मूल्य प्रस्थापित किये. इसी वजह से इस राष्ट्र के हर व्यक्ति पर बाबासाहब आंबेडकर का ऋण है. इसे मानना ही होगा. इस महामानव के विचारों का अनुसरण कर सभी ने वैसे कृत्य करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन आंबेडकरवादी विचारधारा व वरिष्ठ साहित्यिक शिवा प्रधान ने व्यक्त किया.
बौध्द उपासक संघ भीम टेकडी व्दारा भीम जयंती के कार्यक्रम में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष के रुप में शिवा प्रधान उपस्थित थे. दीप प्रज्वलन कर डॉ.बाबासाहब के पुतले पर माल्यार्पण किया गया. सूर्यभान बनसोड ने सामूहिक त्रीशरण पंचशील लिया. इसके बाद प्रधान ने उपस्थित समाज बांधवों को संविधान की शपथ दिलाई. संविधान का प्रास्ताविक उद्देशिका का सामूहिक वाचन चरणदास काले ने किया. संचालन उपासक संघ के सचिव उमेश सहारे ने किया. आभार कोषाध्यक्ष गंगाधर इंगले ने माना. कार्यक्रम में डॉ. थोरात, भाउराव दहाट, नामदेव वाघमारे, अवधुत गजभिये, प्रतिभा प्रधान, ज्योती बोरकर, रामटेके, गोपाल मेश्राम, राहुल सोमकुंवर, रामकृष्ण तायडे, अनिल वानखडे, नरेश कांबले, व्यंकटराव खोब्रागडे, प्रसेनजित सरदार, किशोर तायडे, आनंद इंगले, डी.के. बागडे, सूर्यभान बनसोड, मनीषा दुर्योधन, भानुदास प्रधान, सुधाकर राउत, निरंजन नागदीवे, डी. जी. वानखडे, भीमराव गजभिये, बापुराव गुलसुंदरे, नलिनी नागदीवे, पुष्पा दंदे, नलिनी वरघट, कृष्णा थोरात, श्रीमती बागडे, आनंद इंगले, बोरकर गुरुजी आदि उपस्थित थे.

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