अन्नाभाउ साठे के साहित्य का अनुकरण करें- सुलभा खोडके
जनसंपर्क कार्यालय में मनाई गई 102वीं जयंती
अमरावती/दि.2- लोकशाहीर, साहित्य सम्राट अन्नाभाउ साठे के साहित्य समाज को परिवर्तन की दिशा व मानव विकास को चालना देने वाले है. अन्नाभाउ साठे के लेखनी में सामर्थ था. साहित्य से समाज दर्शन कराते हुए उन्होंने शोषित, वंचित, पीडितों को अपने हक व अधिकार की जाणीव करायी. समाज के अंतिम तबके तक के लोगों की व्यथाएं उन्होंने सबके सामने रखी. समाज को बदलने के लिए तथा नई व्यवस्था का पुनर्निर्माण करने के लिए नये मानवी मूल्यों का स्विकार ही समय की मांग है. यह संदेश उन्होंने अपने साहित्य से दिया. अन्नाभाउ के साहित्य का सभी अनुकरण करें, यह अपील विधायक सुलभा खोडके ने की.
सुलभा खोडके के जनसंपर्क कार्यालय में लोकशाहीर अन्नाभाउ साठे की 102वीं जयंती मनाई गई. कार्यक्रम में सुलभा खोडके व उपस्थित मान्यवरों ने साहित्य सम्राट अन्नाभाउ साठे की प्रतिमा का पूजन कर आदरांजलि अर्पित की. विविध मान्यवरों ने अन्नाभाउ साठे के जीवन कार्यों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में अविनाश मार्डीकर, मेजर महादेव खंडारे, राष्ट्रवादी के शहराध्यक्ष प्रशांत डवरे, पूर्व महापौर एड. किशोर शेलके, पूर्व पार्षद रतन डेंडूले, विजय जोंधलेकर, डॉ. अजय बोंडे, आनंद मिश्रा, प्रमोद महल्ले, योगेश सवई, शक्ति तिडके, कर्नरसिंह राहल, श्रीकांत झंवर, विशाल भगत, बालासाहब नागे, भूषण बनसोड, बल्लु निंभोरकर, दत्ता खंडारे समेत असंख्य कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित थे.