अमरावती/दि.16 – कोरोना बाधितों की संख्या कम होने के कारण जिले में संचारबंदी में शिथिलता लायी गई है. उद्योग धंधे फिर से शुरु किये गये है व जनजीवन पहले की तरह ही लाने के लिये यह निर्णय लिया गया है. लेकिन दैनंदिन व्यवहार में कोविड, प्रतिबंधात्मक नियमों के पालन करने की जिम्मेदारी हम सभी की है. इस कारण कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों के अंतर्गत मास्क का इस्तेमाल, सामाजिक अंतर, सेनिटाइजर, जांच व टीकाकरण इस पंचसूत्री का सभी से पालन करने का आवाहन पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने किया है.
जिले में लागू संचारबंदी में जीवनावश्यक व अत्यावश्यक सेवा सहित अधिकांश बगैर जीवनावश्यक सेवा भी शुरु रखने की अनुमति दी गई है. जनजीवन पूर्ववत लाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन फिर से मरीजों की संख्या बढ़े नहीं इसके लिये सभी को कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करना आवश्यक है. एक वर्ष की इस लड़ाई में सभी क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है. कोरोना की दो लहर आयी. सुरक्षितता हेतु दोनों समय संचारबंदी लागू करनी पड़ी. पहली लहर के बाद संसर्ग खत्म होगा, ऐसा लगते ही फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. संचारबंदी व विविध उपायों के कारण अब दूसरी लहर नियंत्रण में आयी है. अब फिर से संचारबंदी की नौबत न आये, इसके लिये सभी का कृतिशील साथ मिलना जरुरी होने की बात पालकमंत्री ने कही.
अब भी संसर्ग खत्म नहीं हुआ
गत एक वर्ष में स्वतंत्र कोविड अस्पताल, तहसीलों में कोविड केअर सेंटर, विद्यापीठ व पीडीएमसी में जांच सुविधा, विलगीकरण गृह, निवारागृह, ऑक्सीजन प्लान्ट आदि सुविधा उपलब्ध करायी गई. टीकाकरण को गति देते समय संपर्क, समन्वय व स्वास्थ्य शिक्षा के लिये चार सर्वेक्षण लिये गये. अब भी संभावित तीसरी लहर निमित्त जगह-जगह पर ऑक्सीजन प्लांट के निर्मिति सहित स्वतंत्र अस्पताल, छोटे बच्चों के लिये स्वतंत्र उपचार व्यवस्था आदि विविध स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है. इसी तरह सर्वेक्षण, संपर्क व समन्वय की चेन अखंडित रखने के निर्देश दिये गये हैं. अभी भी संसर्ग खत्म नहीं हुआ है, इस ओर सभी को ध्यान देना जरुरी है.