दो वर्षो से खाना कर्ज उपलब्ध नहीं, मेलघाट का कुपोषण कैसे रोकेंगे
राज्य शासन, अधिकारियों की लापरवाही से आदिवासियों का आर्थिक सहारा छीना
अमरावती/ दि. 13 – आय के उचित साधन न होने के कारण आदिवासी कोरकू बांधव को हर वर्ष प्रति परिवार 4 हजार रूपए खाना कर्ज दिया जाता है. परंतु पिछले दो वर्षो से यह योजना बंद होने के कारण आदिवासियों को एक रूपये भी नहीं मिले. इसके लिए कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रयास भी किए. परंतु मुहूर्त नहीं निकल पाया. इस वजह से कुपोषण कैसे रोका जायेगा. यह समस्या निर्माण हुई.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 व 2022-23 में खाना कर्ज वितरित नहीं किया गया. शाासन और अधिकारियों ने इस योजना की तरफ ध्यान नहीं दिया. शासन की इस योजना का झटका मेलघाट के आदिवासियों को लगा है. इसके कारण यह योजना शुरू की जाए या नहीं. जिनके आवेदन पहले से ले रखे है. उन्हें तो भी कर्ज दिया जाए, ऐसी मांग की जा रही है. आदिवासी बांधव को बीमारी और बेरोजगारी का सामना करना पड रहा है. आय बहुत कम है उपर से कुपोषण की मार इस बात को देखते हुए बंद पडी योजना फिर से शुरू की जाए, ऐसी मांग की जा रही है. मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल और कांग्रेस की विधायक सुलभा खोडके ने विधि मंडल में यह मुद्दा उठाया था. मगर मंत्रियों ने सकारात्मक जवाब नहीं दिया. अधिकारी भी फोन उठाने को राजी नही है.